आम आदमी पार्टी ने नवपरिवर्तन अभियान के तहत 10 जनवरी से वर्चुअल माध्यम से नवपरिवर्तन संवाद शुरू किया है। 10 जनवरी से शुरू होने वाला वर्चुअल नवपरिवर्तन संवाद 16 जनवरी तक चलेगा। इस क्रम में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को वर्चुअल नवपरिवर्तन संवाद की शुरुआत की है। उन्होंने अपने पहले संवाद में उत्तराखंड की जनता को संबोधित किया।
मनीष सिसोदिया संवाद के दौरान कहा कि आज से ठीक 35 दिन बाद यानी 14 फरवरी को उत्तराखंड में नई सरकार के लिए चुनाव होना है। ये चुनाव केवल नई सरकार के लिए नहीं है। बल्कि उत्तराखंड के स्कूल कैसे होंगे, अस्पताल कैसे होंगे, लोगों को रोजगार मिलेगा या नहीं, पहाड़ों से पलायन रुकेगा या नहीं, इसका चुनाव है।
उन्हाेंने कहा कि 21 साल पहले महान आंदोलन से उत्तराखंड राज्य का जन्म हुआ। उत्तराखंड के लिए लोगों ने बड़ी-बड़ी कुर्बानियां दीं, खून-पसीना बहाया, नौकरी-व्यापार-घर छोड़कर आंदोलन चलाया कि लखनऊ बहुत दूर है सरकार को पहाड़ों तक लाया जाए। लेकिन अलग राज्य बनने का फायदा भाजपा और कांग्रेस को छोड़कर किसी को नहीं मिला।
उन्हाेंने कहा कि राज्य आंदोलन चलाने वाले आंदोलनकारियों और राज्य के लोगों के हाथ कुछ नहीं लगा। जितने बदहाल स्कूल पहले थे उतने ही बदहाल अब हैं। अस्पताल जितने बदहाल तब थे अब भी हैं। पलायन भी जस का तस है। कांग्रेस और भाजपा के नेता माला-माला होते गए, नेता राज्य को लूटते गए। हमने जिन्हें सत्ता की चाभी दी उन्होंने आपस में सेटिंग कर ली, कि पांच साल तुम लूटो, पांच साल हम। अगर 21 साल में इन पार्टियों ने कुछ किया होता तो आज पहाड़ में बसने वाली महिलाएं प्रसव पीड़ा में दम नहीं तोड़तीं।
उन्हाेंने कहा कि उत्तराखंड राज्य जहां बिजली बनती है वहां लोगों को फ्री बिजली नहीं मिल सकती क्या? कहा कि अगर दिल्ली के दो तिहाई लोगों को फ्री बिजली मिल सकती है यहां के लोगों को क्यों नहीं मिल सकती। मैं आज आप सभी से निवेदन करना चाहता हूं कि अब उत्तराखंड को बदलने का समय आ गया है।
उन्हाेंने कहा कि आप 14 फरवरी के दिन झाड़ू पर बटन दबाकर उत्तराखंड की सिर्फ राजनीति को नहीं बदल रहे होंगे, बल्कि उत्तराखंड को बदल रहे होंगे। आज उत्तराखंड को एक नया विकल्प मिल रहा है।