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पीएमएफबीवाई के माध्यम से सरकार ने किसानों को दी प्राकृतिक और स्थानीय आपदाओं से सुरक्षा : कैलाश चौधरी

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पांच वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित समीक्षा बैठक के बाद केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि इन पांच वर्षों में केंद्र सरकार ने किसानों को बांटे 90 हजार करोड़

Namit Tyagi
  • Jan 13 2021 6:06PM
केंद्र की मोदी सरकार की अति महत्वाकांक्षी एवं किसानों के बीच लोकप्रिय 'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' के 5 वर्ष पूर्ण होने पर कृषि भवन में योजना के आगामी विस्तार से संबंधित समीक्षा बैठक हुई। इसमें योजना की सफलता और आगामी लक्ष्यों को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी एवं पुरुषोत्तम रुपाला सहित कृषि मंत्रालय के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

बैठक के बाद योजना के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का 5 वर्ष का क्रियान्वन सफल रहा है। 5 वर्षों में 90,000 करोड़ रुपए की दावा राशि किसानों को वितरित की गई है। प्रतिवर्ष 5.5 करोड़ से अधिक किसान इस योजना के तहत नामांकित हो रहे है। कैलाश चौधरी ने बताया कि पहले यह योजना ऋणी किसानों के लिए अनिवार्य थी, मगर इसमें सुधार करते हुए इसे स्वैच्छिक कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की यह योजना कृषि समृद्धि की दिशा में अभूतपूर्व साबित हुई है।

कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने देश के किसानों से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठाने की अपील करते हुए कहा कि इस योजना ने लाभार्थी किसानों का कवरेज को बढ़ाया है। जोखिम को कम किया है। करोड़ों किसानों को इससे फायदा पहुंचा है। कैलाश चौधरी ने दावा किया है कि 13 जनवरी 2016 को लॉन्‍च होने के बाद से अब तक इस योजना के तहत किसानों के 90 हजार करोड़ रुपये के दावों का पेमेंट किया गया है। कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान भी लगभग 70 लाख किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया। लाभार्थियों को 8741. 30करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं।

केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने किसानों से आग्रह किया कि वे संकट के समय में आत्मनिर्भर बनने के लिए योजना का लाभ उठाएं और एक आत्मनिर्भर किसान तैयार करने का समर्थन करें। कृषि राज्यमंत्री ने कहा कि बाढ़, सूखा, आग और अकाल जैसे प्राकृतिक खतरों के कारण होने वाली स्थानीय आपदाओं और कटाई के बाद होने वाले व्यक्तिगत खेतीके स्तर पर नुकसान को शामिल किया गया है। लगातार सुधार लाने के प्रयास के रूप में, इस योजना को सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक बनाया गया था, फरवरी 2020 में इसमें सुधार किया गया. राज्यों को बीमा राशि को तर्कसंगत बनाने के लिए लचीलापन भी प्रदान किया गया है, ताकि किसानों द्वारा पर्याप्त लाभ उठाया जा सके।

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