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ED मामले में IAS समेत कारोबारियों को भेजा गया न्यायिक रिमांड पर जेल...IAS को सस्पेंड नहीं करने पर नेता प्रतिपक्ष ने उठाए सरकार पर सवाल

रिमांड अवधि खत्म होने के बाद ईडी ने गुरुवार को कोर्ट में पेश किया।

Yogesh Mishra
  • Oct 27 2022 5:54PM
 
 
 
 
छत्तीसगढ़ में ईडी मामले की कार्यवाही मामले में राजनीति कई दिनों से गर्म है। आज फिर आईएएस समीर विश्नोई के साथ कारोबारी सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद ईडी ने गुरुवार को कोर्ट में पेश किया। 
 
 
एडीजे अजय सिंह राजपूत ने सुनवाई करने के बाद तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत पर जेल भेज दिया। अब ईडी तीनों को 10 नवंबर को फिर कोर्ट में पेश करेगी। आज रिमांड खत्म होने पर ईडी ने कोर्ट में फिर से तीनों को पेश किया। जहां कोर्ट ने IAS समीर बिश्नोई, सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी को 14 दिनों की न्यायायिक रिमांड पर भेज दिया है। IAS समेत दोनों कारोबारी केंद्रीय जेल परिसर में 14 दिनों तक रहेंगे। 10 नवम्बर को ईडी फिर तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करेगी।
 
 
 
वहीं कारोबारी सुनील अग्रवाल के वकील आयुष अग्रवाल ने बताया कि 15 दिन की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद ईडी ने उनके मुवक्किल को अदालत में पेश किया था। आज उन्होंने न्यायिक हिरासत पर भेजा गया है।
 
 
 
इस मामले में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार आईएएस समीर विश्नोई व अन्य के विरुद्ध राज्य शासन द्वारा निलंबन की कार्यवाही न किये जाने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विश्नोई को पहले 14 दिन की ईडी रिमांड और अब पुनः 14 दिन की जेल अभिरक्षा मिलने के बाद भी राज्य शासन द्वारा निलंबन आदेश जारी नहीं करना आखिर क्या प्रदर्शित कर रहा है?
 
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने भूपेश बघेल सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि शासन आखिर किस मजबूरी में इनका निलंबन नहीं कर पा रहा है?सरकार की इनसे क्या साठगांठ है? अधिकारियों के घर से नकद राशि बरामद हो गई, किलो के भाव में सोना मिल गया, तथ्यों के प्रकाश में मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत आरोपियों को जमानत नहीं दे रही है। इसके बावजूद भी इनका निलंबन नहीं होना यह साफ संकेत दे रहा है कि सरकार की इन आरोपियों से साठगांठ है। इन्हें और बाकी जिन से भी पूछताछ हुई है, सभी को तुरंत प्रभाव से निलंबित और पद मुक्त किया जाना चाहिए।
 
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने भूपेश बघेल सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि वैसे भी यह स्पष्ट नियम है कि शासन का कोई अधिकारी अगर 24 घंटे से ज्यादा जेल में रहता है तो वह स्वतः निलंबित माना जाता है लेकिन कई दिन जेल में रहने के बाद भी सरकार ने निलंबन का आदेश जारी नहीं किया यह अपने आप में एक बड़ा आश्चर्य है। बहरहाल ईडी छापेमारी मामले को लेकर प्रदेश की राजनीति पूरी तरह से गर्म है। वहीं आने वाले दिनों में इस मामले में कई तरह के बड़े खुलासे होने के कयास भी लगाए जा रहे हैं।
 
 
 

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