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Drugs Addiction : ड्रग्स के गिरफ्त में फंसे लोगों की जगह जेल नहीं, नशामुक्ति केंद्र....कानून में बदलाव लाने की है तयारी

नशे के खिलाफ देशभर में छेड़ी गई जंग के बीच केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने ड्रग्स या नशीली दवाओं के साथ पकड़े जाने वालों के खिलाफ बनाए गए कानून में बदलाव को लेकर अहम सुझाव दिए हैं। इसमें सबसे अहम सुझाव है कि ड्रग्स या किसी तरह के नशे की गिरफ्त में फंसे लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उनके साथ अपराधियों जैसा बर्ताव न किया जाए।

Shanti Kumari
  • Nov 28 2021 3:16PM
अक्सर हमने देखा है कि कोई यदि ड्रग्स या कोई वैसी नशा करते पकड़ा गया जो कानूनन अपराध हो तो उसमे दोषी को हमेशा से जेल होता आ रहा है। लेकिन अब सरकार कानून में बदलाव लाने की कोशिश कर रही है। बता दें ड्रग्स की गिरफ्त में फंसे लोगो को इससे बाहर निकालने के लिए सरकार अब किसी तरह की सख्ती नहीं बल्कि सहानुभूति दिखाने के पक्ष में है। सरकार का मानना है कि नशे में फंसे लोगों की जगह जेल नहीं बल्कि नशामुक्ति केंद्र है। यह विधेयक राजस्व विभाग की ओर से लाया जाएगा। अगले हफ्ते इसे कैबिनेट में भी भेजे जाने की तैयारी है।

नशे के खिलाफ देशभर में छेड़ी गई जंग के बीच केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने ड्रग्स या नशीली दवाओं के साथ पकड़े जाने वालों के खिलाफ बनाए गए कानून में बदलाव को लेकर अहम सुझाव दिए हैं। इसमें सबसे अहम सुझाव है कि ड्रग्स या किसी तरह के नशे की गिरफ्त में फंसे लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उनके साथ अपराधियों जैसा बर्ताव न किया जाए। ऐसा करने से वे इस दलदल में और फंसते जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि उन्हें इस खराब लत से छुटकारा दिलाया जाए।

मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि कानून में बदलाव के पीछे उसका मकसद यह कतई नहीं है कि जो लोग ड्रग्स या नशीली दवाओं के कारोबार में लगे हैं, उन्हें किसी तरह की मोहलत दी जाए। मंत्रालय का मानना है कि जो लोग इस तरह के कारोबार में लगे हैं, उन्हें और सख्त सजा दी जानी चाहिए।

 मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक संसद के शीतकालीन सत्र में इससे जुड़ा एक विधेयक लाने की पूरी योजना है। इसी बीच, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने बताया है कि मौजूदा समय में देशभर में करीब 600 नशा मुक्ति केंद्र हैं। फिर भी कानून में बदलाव के बाद यदि जरूरत पड़ी तो और भी ऐसे केंद्र खोले जा सकते हैं। इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है।



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