प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र से पहले देश को संबोधित किया है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, "आज सावन का पहला सोमवा है। इस पावन दिन पर एक महत्वपूर्ण सत्र शुरु हो रहा है। मैं सावन के पहले सोमवार पर देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं। पीएम मोदी ने आगे कहा, आज संसद का मानसून सत्र शुरु हो रहा है। आज पूरे देश की नजर इस पर है। यह एक सकारात्मक सत्र होना चाहिए।" प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, "ये गर्व का विषय है कि 60 साल के बाद कोई सरकार तीसरी बार वापल आए और तीसरी पारी का पहला बजट रखने का सौभाग्य प्राप्त हो। यह भारत के लोकतंत्र की गरिमामय घटना के रुप में देश इसे देश रहा है।"
विपक्षी सांसदों से की खास अपील
प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि, "आज मैं विपक्षी सासंदों से भी अपील करना चाहता हूं कि, पिछली जनवरी से हम लोगों के पास जितना सामर्थ्य था। उसके साथ जितनी लड़ाई लड़नी थी, लड़ ली। जो बात जनता को बतानी थी, बता दी। लेकिन अब वह समय समाप्त हो गया। देशवासियों ने अपना फैसला दे दिया। अब चुन हुए सांसदों का कर्तव्य देश के लोगों के लिए है। अब सभी सांसदों की यह जिम्मेदारी है कि वे दल से ऊपर उठकर के देश के लिए लड़ें।"
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, "कल हम जो बजट पेश केरंगे, वह अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट है। हमें पांच साल का जो अवसर मिला है। ये बजट हमारे उन पांच साल की दिशा तय करेगा। ये बजट 2047 के विकसित भारत के सपने मजबूत देने वाला होगा।"
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, "इस नई संसद के गठन के पहले सत्र में 140 करोड़ देशवासियों ने जिस बहुमत के साथ जिस सरकार को सेवा करने का देशवासियों ने हुकम किया है। उस सरकार की आवाज को कुचलने का अलोकत्रांतिक प्रयास हुआ। ढाई घंटे तक देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का, आवाज को दबाने का, रोकरने का प्रयास हुआ। लोकतांत्रित परंपराओं में इनका कोई स्थान नहीं हो सकता है और इसका उन्हें कोई पश्चाताप नहीं है। दिल में दर्द तक नहीं है उन्हें। देशवासियों ने हमें यहां देश के लिए भेजा है न कि दल के लिए। यह सदन दल के लिए नहीं देश के लिए है।"