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राजस्थान की सियासत में अंदरूनी कलह; ​बुरे वक्त में 'पायलट' बने 6 विधायक सरकार से हुए नाराज... जानें वजह

बसपा का साथ छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों ने गहलोत सरकार पर वादा न पूरा करने करने पर नाराजगी जताई है. वहीं गहलोत सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने आरोप लगाया है कि उनके विधायकों के प्रति कांग्रेस पार्टी सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि जो वादे सरकार ने उनसे किए थे, उन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया है।

Geeta
  • Jul 28 2022 1:27PM

राजस्थान मे गहलोत सरकार पर एक बार फिर से सियासत गरमा गई है. यहां कहा जा सकता है कि राजस्थान में सियासत कभी भी शांत रहने का नाम नहीं लेती है। यहां आए दिन राजनीतिक संकट के बादल राजस्थान में कांग्रेस सरकार को घेरे रखती है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक बार फिर से गहलोत सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

दरअसल, बसपा का साथ छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों ने गहलोत सरकार पर वादा न पूरा करने करने पर नाराजगी जताई है. वहीं गहलोत सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने आरोप लगाया है कि उनके विधायकों के प्रति कांग्रेस पार्टी सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि जो वादे सरकार ने उनसे किए थे, उन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया है।

राजेंद्र गुढ़ा अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हम सभी बसपा से आए हुए विधायकों का मानना है कि उन्हें जिस तरह की उम्मीदें थी  और जो वादे उनसे किए गए थे, उसे पूरा नहीं किया गया। उन्होंने आगे कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में  टिकट मिलने की संभावना लगभग न के बराबर है।

गुढ़ा ने कहा कि उन्हें ये भरोसा दिया गया था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से मुलाकात करवाई जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। यही सब अविश्वास का कारण बन रहा है। वहीं जब उनसे असुरक्षा को लेकर सवाल किया गया तो इस सवाल पर गुढ़ा ने कहा कि गहलोत के पिछली सरकार में हमारे सभी विधायकों को टिकट दिया था। जिसमे 3 को मंत्री बनाया गया और तीन को संसदीय सचिव  का पद दिया गया था। उस समय हमारे दिमाग में ऐसी चीजें नहीं थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं है, अविश्वास की भावना ज्यादा है।

उन्होंने आगे कहा कि मैने अपने बसपा से आए 5 विधायकों से बात की और उन्हें सीएम की ओर से कई आश्नासन दिए। विधायक वाजिब अली और संदीप को कोई बोर्ड नहीं मिला। विधायक लखन को गाड़ी, स्टाफ और ऑफिस तक मुहैया नहीं कराई गयी। साफ तौर पर कहे तो चुनाव नजदीक आ रहे हैं और असुरक्षा की भावना आ चुकी है।

बता दें कि राजेंद्र गुढ़ा उन 6 बागी विधायकों के गुट में शामिल है जिसने बसपा को छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था। इस कारण राजस्थान में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 100 से बढ़कर 106 हो गई थी, जिसने गहलोत सरकार को स्थिरता देने का काम किया था।

 

 

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