जब पूरा विश्व तालिबान और उसके द्वारा किए जा रहे कृत्यों को घोर निंदा कर रहा था, तब विश्व का एक देश तालिबान के गुणगान कर रहा था, और वो था पाकिस्तान। वहीँ पाकिस्तान जिसने तालिबान को ताकतवर बनाने के लिए न सिर्फ ज़मीन बल्कि हर प्रकार की सुविधा मुहैया करवाई। यदि आज के तालिबान को इतना सशक्त और ताक़तवर बनाने का श्रेय दिया जाए तो वो पाकिस्तान को ही मिलने चाहिए।
वो पाकिस्तान जिसने दुनिया में आतंक फैलाने के को पाल-पोस के बड़ा किया था, आज वहीँ तालिबान पाकिस्तान के लिए गले में हड्डी की तरह फंस गया है। दरअसल, तालिबान ने जिस तरह अफगानिस्तान में मुस्लिम कानून लागू किया है, वैसे ही अब वो पाकिस्तान में करना कहता है। लेकिन जब तालिबान ने पाकिस्तान से ये बात कही, तब वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान ने साफ़ इंकार कर दिया जिससे तालिबान तिलमिला गया और सीजफायर हटा लिया।
तालिबान ने अब पाकिस्तान के साथ एक बार फिर जंग का ऐलान कर दिया है. पाकिस्तान और तहरीक-ए-तालिबान के बीच सीजफायर चल रहा था लेकिन अब तालिबान ने कहा है कि वो इस सीजफायर को खत्म कर रहे हैं. तालिबान ने अपने लड़ाकुओं से कहा है कि वो अब पाकिस्तान पर हमला शुरू करें. तालिबान ने पाकिस्तान की इमरान खान सरकार पर आरोप लगाया है कि वो उनके पूर्व में लिए गए फैसलों को सम्मान नहीं दे रही है.
गुरुवार को तालिबान ने इमरान खान सरकार के साथ पिछले एक महीने से चले आ रहे सीजफायर को खत्म करने का ऐलान कर दिया.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले टीटीपी और पाकिस्तान के बीच वार्ता के कई दौर चले थे. अफगान तालिबान, पाकिस्तान और टीटीपी के बीच मध्यस्थता कराने के लिए राजी हुआ था और वो दोनों ही तरफ से इसमें अपनी भूमिका निभा रहा था.
25 अक्टूबर 2021 को पाकिस्तान सरकार और टीटीपी 6 बिंदुओं पर समझौते के करीब पहुंचे थे. इसके अलावा दोनों ही तरफ से सीधे फेस-टू-फेस बातचीत भी अफगानिस्तान के साउथ-वेस्टर्न खोस्ट प्रक्षेत्र में करीब दो हफ्ते पहले हुई थी. इसमें दोनों के बीच शांति बनाए रखने को लेकर चर्चा हुई थी.