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मत्स्य संपदा योजना 2020/ई-गोपाला ऐप, जानिए इसकी खास बातें

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मछली पालन के काम में लगे लाखों लोगों को बड़ी सौगात दी है. पीएम ने मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) की शुरुआत की.

Abhishek Lohia
  • Sep 10 2020 11:21PM

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मछली पालन के काम में लगे लाखों लोगों को बड़ी सौगात दी है. पीएम ने मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) की शुरुआत की. इस योजाना से करीब 55 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. इस योजना के तहत इससे पांच साल में अतिरिक्‍त 70 लाख टन मछली का उत्‍पादन हो सकेगा. इससे मछली का एक्सपोर्ट बढ़कर दोगुना यानी एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. इस मौके पर प्रधानमंत्री किसानों के लिए एक व्यापक नस्ल सुधार बाजार और सूचना पोर्टल ई-गोपाला ऐप भी लॉन्च किया.

पीएमएमएसवाई(PMMSY) के तहत 20,050 करोड़ रुपये का फंड बनाया गया है. यह मत्स्य पालन क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा फंड है. इसमें से मरीन, इनलैंड फिशरीज और एक्वाकल्चर में लगभग 12340 करोड़ रुपये और फिशरीज इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए लगभग 7710 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है. मत्स्य संपदा योजना का लाभ केवल मछुआरा समुदाय से संबंध रखने वाले लोगों को मिलेगा.

समुद्री यानी जलीय क्षेत्रों से संबंध रखने वाले और जलीय कृषि का कार्य करने वाले या इसके लिए इच्छुक व्यक्ति इस योजना के पात्र होंगे. समुद्री तूफान, बाढ़, चक्रवात जैसी किसी प्राकृतिक आपदा का बुरी तरह से ग्रसित मछुआरों को भी इसका फायदा मिलेगा. मछली पालने वाले किसानों को आसानी से 3 लाख रुपये का लोन मिल सकेगा. मछलीपालन को सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ दिया है.

अब इस केसीसी के माध्यम से किसान मछली, झींगा मछलियों के पालन के लिए कर्ज ले सकेंगे. किसान क्रेडिट कार्ड धारक सस्ता लोन यानी 4 फीसदी ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का कर्ज ले सकते हैं. वहीं समय पर लोन का भुगतान करने पर ब्याज में अलग से छूट दी जाती है. मत्स्य संपदा योजना क्या है? वर्ष 2022 तक किसानों कि आय को दुगना करने का लक्ष्य केंद्र सरकार ने तय किया है. इसके लिए कृषि के अलग–अलग क्षेत्र में किसानों कि आय बढ़ाने की जरुरत को देखते हुए सरकार द्वारा पशुपालन एवं मछली पालन की योजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है. देश में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की गई है, जिसे पूरे देश में लागू किया गया है. इसे ब्ल्यू रेवोल्यूशन कहा गया है. योजना के अन्तर्गत मत्स्य पालक, मछली बेचने वाले, स्वयं सहायता समूह, मत्स्य उधमी, फिश फार्मर आवेदन कर सकते हैं.

क्या है ई-गोपाला ऐप?

ई-गोपाला ऐप के बारे में खुद पीएम ने ट्वीट कर कहा है कि यह हमारे मेहनती किसानों के लिए एक व्यापक नस्ल सुधार बाजार और सूचना पोर्टल प्रदान करता है. यह एक अभिनव प्रयास है, जिससे कृषि क्षेत्र को बहुत लाभ होगा. pmmodi.in पर इस ऐप के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है. इसके मुताबिक यह ऐप किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिए एक व्यापक नस्ल सुधार बाजार और सूचना पोर्टल है. वर्तमान में देश में पशुधन का प्रबंधन करने वाले किसानों के लिए कोई डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध नहीं है, जिसमें सभी रूपों (वीर्य, भ्रूण, आदि) में रोग मुक्त जर्मप्लाज्म की खरीद और बिक्री शामिल है.

क्या है ई-गोपाला ऐप? ई-गोपाला ऐप के बारे में खुद पीएम ने ट्वीट कर कहा है कि यह हमारे मेहनती किसानों के लिए एक व्यापक नस्ल सुधार बाजार और सूचना पोर्टल प्रदान करता है. यह एक अभिनव प्रयास है, जिससे कृषि क्षेत्र को बहुत लाभ होगा. pmmodi.in पर इस ऐप के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है. इसके मुताबिक यह ऐप किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिए एक व्यापक नस्ल सुधार बाजार और सूचना पोर्टल है. वर्तमान में देश में पशुधन का प्रबंधन करने वाले किसानों के लिए कोई डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध नहीं है, जिसमें सभी रूपों (वीर्य, भ्रूण, आदि) में रोग मुक्त जर्मप्लाज्म की खरीद और बिक्री शामिल है.

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