नईशिक्षा नीति के बाद जिन बदलावों की उम्मीद देश कर रहा था, उसकी आंशिक शुरुआत यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन UGC ने कर दी है. खबर के मुताबिक़, UGC ने बीए इतिहास के विद्यार्थियों के लिए नया सिलेबस तैयार किया है. इस सिलेबस में कई नई चीजें जोड़ी गई है. इसके साथ ही काफी सारे ऐसे विषय तथा टॉपिक जो कई सालों से पढ़ाए जा रहे थे, उन्हें हटा दिया गया है. यूजीसी के इस नए सिलेबस के ड्राफ्टिंग के समय ही कई सवाल उठना शुरू हो गए थे.
यूजीसी की ओर से जारी किए गए नए सिलेबस को कई पेपर के आधार पर डिजाइन किया गया है. इसमें कई करीब 14 पेपर हैं और हर पेपर में कई यूनिट हैं, जिनमें इतिहास के टॉपिक्स के बारे में बताया गया है. इस बार भारतीय संस्कृति पर खास जोर दिया गया है. वहीं, वर्ल्ड हिस्ट्री में भी 10 पेपर के आधार अलग अलग टॉपिक तय किए गए हैं. पहले ये आरोप लगाए गए थे कि इतिहास में भगवाकरण पर ज्यादा जोर दिया गया है. पहले पेपर में ‘आइडिया ऑफ भारत’ का हिस्सा जोड़ा गया है. इसमें भारतीय दृष्टिकोण से भारत के इतिहास के बारे में बताया जाएगा.
यह टॉपिक नॉलेज, आर्ट, कल्टर, फिलोसॉफी और साइंस ऑफ इंडिया के बारे में बताया गया है. इसमें एक तरह से भारत के अस्तित्व का सार बताया गया है, जिसे ताजा अच्छी अप्रोच माना जा रहा है. इसमें भारतवर्ष की समझ, वेद, वेदांग, उपनिषद, भारतीय साहित्य पर भी जोर दिया गया है. वहीं, एक यूनिट में भारतीय कला और संस्कृति के साइलेंट फीचर्स बताए गए हैं. आइडिया ऑफ भारत में ही जनपद, धर्म और दर्शन, वसुधैव कुटुम्बकम, आयुर्वेद, योग को शामिल किया गया है.
इसके अलावा सिलेबस के तीसरे पेपर की पहली यूनिट में सरस्वती सिविलाइजेशन, वेदिक सिविलाइजेशन, आर्य, आर्यों के बारे में अलग अलग थ्योरी, वेदिक धर्म आदि को शामिल किया गया है. इसके अलावा बुद्ध और जैन धर्म के बारे में भी एक हिस्सा जोड़ा गया है. माना जा रहा है कि इस नए सिलेबस में कई टॉपिक पहली बार जोड़े गए हैं और लोग उन टॉपिक के जुड़ने से काफी खुश भी हैं.