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मूक बधिर था आदित्य गुप्ता.. फिर 1000 से ज्यादा लोगों को मुसलमान बनाने वाला उमर गौतम से जुड़े उसके तार.. फिर वह बन गया अब्दुल

आदित्य के खाते में हर महीने सात हजार रुपये खाड़ी देशों के बैंक खातों से आते थे. 10 मार्च को अपने शैक्षिक दस्तावेज और कुछ कपड़े लेकर आदित्य घर से गायब हो गया था

Abhay Pratap
  • Jun 22 2021 9:56AM

उत्तर प्रदेश ATS द्वारा धर्मांतरण जिहाद की फैक्ट्री चलाने वाली गैंग का पर्दाफाश करने के बाद तमाम चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. ATS द्वारा गिरफ्तार किए गए दो इस्लामिक मौलानाओं ने जिन लोगों को धर्मांतरित कर मुसलमान बनाया, उसमें कानपुर के काकादेव के हितकारी नगर मोहल्ले का मूक बधिर आदित्य गुप्ता भी शामिल है. आदित्य गुप्ता जब धर्मांतरण जिहादी उमर गौतम से मिला तो वह आदित्य से अब्दुल बन गया तथा नमाज भी पढने लगा. इसके बाद 10 मार्च को वह घर से लापता हो गया, उसके बाद उसके परिजनों को इस बता की जानकारी हुई कि उनका बेटा अब आदित्य से अब्दुल बन चुका है. इसके बाद उन्होंने पुलिस में मामला दर्ज कराया.

यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम का गिरोह मूक बधिर और कमजोर आय वर्ग के लोगों को धन, नौकरी व शादी का लालच देकर धर्म परिवर्तन करने के लिए तैयार करता था। इन्हें आईएसआई समेत अन्य विदेशी एजेंसियों से फंडिंग की जा रही थी. अब तक करीब एक हजार लोगों का यह गिरोह धर्मांतरण कर चुका है. मूक बधिर आदित्य को उसके परिजनों ने पढ़ाया लिखाया, स्वयं साइन लैंग्वेज (मूक-बधिर भाषा) सीखी ताकि आदित्य से बातचीत कर सकें.

आदित्य की मां का कहना है कि मार्च 2020 में जब लाकडाउन लगा और आदित्य घर पर ही रहने लगा तो वह वाट्सएप वीडियो काल से मूक-बधिर बच्चों से संपर्क करने लगा. धीरे-धीरे मोबाइल ही उसका साथी हो गया. कई बार वह रात को चुपके से घर से बाहर बातें करने चला जाता. पूछा तो बताया कि उसने मोबाइल पर इंडोनेशिया, जापान, चीन और यूएसए के बच्चों से दोस्ती कर ली है। तब तक उन्हेंं कुछ भी पता नहीं था. इसके बाद रमजान का महीना शुरू हुआ तो देखा कि बेटे ने खाना-पीना छोड़ दिया है. सूर्यास्त के बाद खाना खाता है. तब पहली बार शक हुआ.

पूछने पर बड़ी चालाकी से आदित्य ने बताया कि वह प्रेक्टिकल कर रहा है कि क्या वह भी ऐसा कर सकता है. इसी दौरान सामने आया कि वह उर्दू भी सीख रहा है. उन्होंने उसका मोबाइल खंगालना शुरू कर दिया. जिन नंबरों से वाट्सएप काल करता था, उनके बारे में ट्रू कालर से खंगाला तो पता चला कि वह केरल के लोगों के संपर्क में है. वह वहां के मुस्लिम चरमपंथियों के बारे में मीडिया में पढ़ती व सुनती थीं, इसलिए चिंता हुई. आदित्य पर निगाह रखनी शुरू की तो मुस्लिम मत के प्रति उसका झुकाव सामने आया. दिन में पांच वक्त नमाज अदा करता था.

जब कड़ाई से पूछताछ हुई तो उसने स्वीकारा कि वह मुस्लिम धर्म अपनाना चाहता है. मां ने बताया कि बेटे के पास नोएडा डीफ सोसाइटी का एक शिक्षक आया था. वह बच्चों को मुस्लिम मत के बारे में बताया था. संभव है, वहीं से उसके मन में इस ओर रुझान बढ़ा. चार साल पहले चमनगंज निवासी मूक-बधिर मुस्लिम दोस्त के संपर्क में आने के बाद भी उसका मन बदला. 10 मार्च को अपने शैक्षिक दस्तावेज और कुछ कपड़े लेकर वह घर से गायब हो गया. कुछ दिनों पहले फेसबुक मैसेंजर के जरिए उससे बातचीत हुई और 20 जून सुबह नौ बजे अचानक अपना सामान लेकर घर आ गया, तब पता चला कि वह केरल में रहा.

परिजनों ने बताया कि आदित्य के खाते में हर महीने सात हजार रुपये एक अनजान खाते से आते थे. जब बैंक रिकार्ड खंगाले तो पता चला कि ये रकम खाड़ी देशों से भेजी जाती है. इससे इस बात पर मुहर लग गई कि पैसों का लालच देकर आदित्य का धर्म परिवर्तन कराया गया. वह मूक बधिर है, इस कारण उसकी ही भाषा में उसे समझाकर ब्रेन वॉश किया गया. एटीएस ने दावा किया है कि धर्म परिवर्तन कराने के बाद आदित्य को दक्षिण भारत भेज दिया गया था.

आदित्य की मां ने बताया कि कुछ समय पहले वीडियो कॉल पर आदित्य ने अपने मामा से बात की. उन्होंने आदित्य से कहा कि उसकी मां की तबीयत बहुत खराब है. अस्पताल में भर्ती हैं. इससे वह थोड़ा पिघला और खुद वापस आ गया. हालांकि पुलिस या एटीएस की तरफ से इसके वापसी को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है. ADG प्रशांत कुमार लॉ & ऑर्डर का कहना है कि मामले की सघनता से जांच की जा रही है तथा उम्मीद है कि जहाँगीर व उमर गौताम के अन्य साथियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

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