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बांग्लादेश से भागकर पश्चिम बंगाल जा रही थीं दो रोहिंग्या महिलायें, दबोच ली गईं RPF द्वारा... इसीलिये जरूरी है NRC

इनके पास नकली आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड जैसे भारतीय दस्तावेज मिले हैं. इससे यह साफ होता है कि इन्हें योजनाबद्ध तरीके से भारत में बसाने के लिए अवश्य ही कोई गिरोह कार्य कर रहा है.

Abhay Pratap
  • Jun 6 2021 12:18PM

पिछले कुछ वर्षों में यह साफ हो गया है कि भारत में अवैध रूप से रोहिंग्याओं को बसाने का कार्य जारी है. विभिन्न शहरों में इनकी बस्तियाँ बसा कर योजनाबद्ध तरीके से इन्हें बसा कर क्षेत्र की जनसांख्यिकी Demography को प्रभावित करने का संपूर्ण प्रयास किया जा रहा है. अधिकतर मामलों में रोहिंग्याओं को असम या पश्चिम बंगाल सीमा क्षेत्र से घुसाया जाता है तथा दिल्ली, जम्मू कश्मीर समेत देश की विभिन्न जगहों पर इन्हें बसाया जाता है. 

ऐसा ही एक मामला पश्चिम बंगाल से सामने आया है जहाँ  29 मई, 2021 को सिलीगुड़ी के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से एक दलाल के साथ दो रोहिंग्या महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है. इन महिलाओं की पहचान रुकिया और अजीदा के रूप में हुई है तथा उनके साथ पकड़े गए दलाल का नाम जहीरुल इस्लाम बताया जा रहा है. जहीरुल असम का रहने वाला है. पुलिस को संदेह है कि वह पहले भी भारत में रोहिंग्याओं की घुसपैठ कर चुका है. ये खबर इस बात को और प्रमाणित करती है कि देश में NRC जरूरी है.

जानकारी के मुताबिक़, ये रोहिंग्या महिलायें बांग्लादेश के रोहिंग्या शिविर से भागकर असम होते हुए एनजीपी के रास्ते कोलकाता जाने की फिराक में लगी थी जिन्हें आरपीएफ की मेरी सहेली दस्ता ने दबोच लिया. टीम के सदस्यों ने सुबह 7:30 बजे एनजेपी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 3 पर खड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस एक भारतीय युवक के साथ दो संदिग्ध युवतियों को हिरासत में लिया जिस ने पूछताछ में मालूम चला कि बांग्लादेश के रोहिंग्या कैंप भागकर असम पहुंची थी. वहां से असम निवासी भारतीय व्यक्ति के साथ कंचनजंगा एक्सप्रेस में सवार होकर कोलकाता जाने की फिराक में थी.

जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह आरपीएफ कि मेरी सहेली दस्ता ने एनजेपी स्टेशन के प्लेटफार्म पर नियमित जांच में लगी हुई थी. इस दौरान सुबह 7:30 बजे असम से एनजेपी होते हुए सियालदा तक जाने वाली 03176 कंचनजंगा एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर 3 पर रुकी हुई थी. जांच के दौरान आरपीएफ की मेरी सहेली दस्ता ने एक व्यक्ति के साथ दो संदिग्ध युवतियों को देखा. संदेह के आधार पर जीआरपी व आरपीएफ द्वारा मुझसे पूछताछ की जिसमें मालूम चला कि वे बीते शुक्रवार को असम के बदरपुर स्टेशन से कंचनजंगा एक्सप्रेस पकड़कर कोलकाता जा रहे थे वह कोलकाता में इन दोनों युवतियों को एक व्यक्ति को सौंप दें इसके बदले वहां से इन्हें तीन हजार रुपये दिया जाता.

पूछताछ के दौरान इन रोहिंग्या महिलाओं ने बताया है कि करीमगंज सीमा से भारत में घुसे हैं तथा कश्मीर की और जा रहे हैं. महिलाओं ने यह भी बताया कि उनके कई रिश्तेदार पहले से भारत में आकर कश्मीर में बसे हैं. पुलिस को ऐसे कई सूत्र मिले हैं जिनसे यह पता चला है कि कुछ विशेष गिरोह रोहिंग्याओं को भारत में बसाने का कार्य कर रहे हैं एवं इस कार्य के लिए न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन को इनके द्वारा एक कॉरिडोर की भाँति प्रयोग किया जा रहा है.

बता दें कि गत वर्ष नवंबर से अब तक इस स्टेशन से लगभग 30 अवैध रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया जा चुका है. यह सभी आनंदबिहार एक्सप्रेस तथा कंचनजंगा एक्सप्रेस से धरे गए हैं. सभी पकड़े गए आरोपितों के पास नकली आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड जैसे भारतीय दस्तावेज मिले हैं. इससे यह साफ होता है कि इन्हें योजनाबद्ध तरीके से भारत में बसाने के लिए अवश्य ही कोई गिरोह कार्य कर रहा है.

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