बुद्ध पूर्णिमा, जिसे वैशाख पूर्णिमा भी कहा जाता है, भगवान गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाई जाती है। यह दिन बुद्ध धर्म के अनुयायियों के साथ-साथ हिंदू धर्म के लोगों के लिए भी अत्यंत पावन माना जाता है। इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण तीनों घटनाएं हुई थीं। यही कारण है कि यह दिन आध्यात्मिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व रखता है।
कब है बुद्ध पूर्णिमा
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत रविवार, 11 मई को रात्रि 8 बजकर 1 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन अगले दिन यानी 12 मई को रात्रि 10 बजकर 25 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा का पर्व सोमवार 12 मई को मनाया जाएगा। इस बार भगवान गौतम बुद्ध की 2587 वीं जयंती मनाई जाएगी।
धार्मिक महत्व और पूजा विधि
बुद्ध पूर्णिमा के दिन अनुयायी भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को स्मरण करते हैं और उनके आदर्शों का पालन करने का संकल्प लेते हैं। इस दिन विशेष रूप से बौद्ध विहारों और मंदिरों में पूजा, ध्यान और प्रार्थना की जाती है।
भक्त बोधि वृक्ष के नीचे दीप जलाते हैं, भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हैं और उपवास रखते हैं। कई स्थानों पर दान और सेवा कार्य किए जाते हैं, जैसे भोजन वितरण, गरीबों को कपड़े देना आदि।
क्या करें इस दिन
भगवान बुद्ध के जीवन और उपदेशों का अध्ययन करें
ध्यान और शांति का अभ्यास करें
किसी ज़रूरतमंद की मदद करें
मांसाहार और नकारात्मक विचारों से दूर रहें