केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजधानी दिल्ली में प्रसिद्ध बोड़ो नेता और सामाजिक कार्यकर्ता बोडोफा उपेंद्र नाथ ब्रह्मा की प्रतिमा का अनावरण किया और उनके नाम पर एक प्रमुख सड़क का नामकरण किया।
इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, विदेश राज्य मंत्री पवित्र मार्गरिटा, बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (BTR) के मुख्य कार्यकारी सदस्य प्रमोद बोरों, सांसद बंसुरी स्वराज, असम विधानसभा अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी, BTCLA अध्यक्ष कटिराम बोड़ो, असम के मंत्री उरखाओ ग्वरा ब्रह्मा, ABSU अध्यक्ष दिपेन बोरों, दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह, भारत सरकार और असम सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
दक्षिण दिल्ली की लाला लाजपत राय मार्ग की एक शाखा को अब बोडोफा उपेंद्र नाथ ब्रह्मा मार्ग के नाम से जाना जाएगा। MCD ने गृह मंत्रालय के निर्देश पर इस 50 मीटर चौड़ी और 835 मीटर लंबी सड़क का नाम बदलने की स्वीकृति दी है। “बोडोफा” का अर्थ होता है "बोड़ो जनजाति का पिता या संरक्षक"। ब्रह्मा ने ABSU के अध्यक्ष के रूप में शिक्षा और बोड़ो समाज की भलाई के लिए कार्य किया और 1990 में मात्र 34 वर्ष की आयु में कैंसर से उनका निधन हो गया।
35वीं पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में गृह मंत्री शाह ने कहा कि यह पहल बोडोफा के समाज के लिए अतुलनीय योगदान को सम्मान देने हेतु की गई है। उन्होंने कहा, “हम जो वादा करते हैं, वह निभाते हैं और मुझे खुशी है कि कोकराझार की रैली में किया गया मेरा वादा आज पूरा हुआ।” शाह ने असम के मुख्यमंत्री डॉ. सरमा की तेज़ गति से हो रहे विकास कार्यों और निवेश सम्मेलन की सफलता की सराहना की। साथ ही उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि आतंकवाद का सफाया किए बिना सरकार चैन से नहीं बैठेगी।
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि यदि पूर्ववर्ती सरकारों ने बोड़ो समुदाय की आकांक्षाओं को महत्व दिया होता, तो हजारों जानें बचाई जा सकती थीं। उन्होंने कहा कि बोड़ो शांति समझौता (Bodo Peace Accord) ने क्षेत्र में स्थिरता और विकास की राह खोली है।
सरमा ने यह भी घोषणा की कि बोडोफा के जीवन पर आधारित एक पुस्तक हिंदी में प्रकाशित की जाएगी, जैसा कि गृह मंत्री ने सुझाव दिया था। उन्होंने लाचित बोरफुकन की 400वीं जयंती दिल्ली में आयोजित कर उनकी वीरता को सम्मानित करने के लिए केंद्र सरकार की सराहना की।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह दिन बोड़ो समुदाय और असम के लिए ऐतिहासिक है और यह दिल्ली जैसे ‘मिनी इंडिया’ में जनजातीय नेताओं को सम्मान देने का प्रमाण है। BTR के CEM प्रमोद बोरों ने बोडोफा को एक दूरदर्शी नेता बताते हुए कहा कि उनके नाम पर सड़क और प्रतिमा का अनावरण उनकी स्थायी विरासत को राष्ट्रीय मान्यता देना है।
ABSU अध्यक्ष दिपेन बोरों ने बोडोफा को उनकी क्रांतिकारी सोच और बोड़ो पहचान, भाषा व संस्कृति को जाग्रत करने में निभाई गई भूमिका के लिए श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम की शुरुआत पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को एक मिनट का मौन रखकर की गई। कार्यक्रम के अंत में, BTR और असम भर में बोडोफा की पुण्यतिथि पर 5 लाख दीयों और मोमबत्तियों को जलाया गया।