लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरी प्रणाली लागू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और कानपुर में भी कमिश्नरी सिस्टम लागू करने के लिए शासन स्तर पर कवायद चल रही है। प्रमोट हुए किसी तेजतर्रार अफसर को कमिश्नरेट की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
साथ ही ये भी बताया जा रहा है कि बीते दिसंबर में एक दर्जन से ज्यादा 2015 बैच के आईपीएस अधिकारियों को जिला संभालने की जिम्मदारी दी गई थी। 2022 विधानसभा चुनाव से पहले अधिकारियों की क्षमता देखने के लिए इन्हें जिलों में पोस्टिंग दी गई है। 6 महीने बाद इन अधिकारियों की समीक्षा रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर ये तय होगा कि आगे इन अधिकारियों को क्या जिम्मेदारी देनी है।
उत्तर प्रदेश के गृह विभाग में तबादलों के ऊपर मंथन शुरू हो गया है। पंचायत चुनाव से पहले पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर तबादले की तैयारी चल रही है। वहीं, नोएडा और लखनऊ कमिश्नरेट के एक साल पूरा होने के बाद अब प्रदेश के 2 अन्य बड़े जिलों वाराणसी और कानपुर में भी कमिश्नरेट प्रणाली शुरू करने की तैयारी की जा रही है।