उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद की राजनीति सबसे अलग है. समाजवादी पार्टी को हराने के लिए विधायक हरिओम यादव ने अपने धुर विरोधी पूर्व मंत्री तथा बीजेपी नेता ठाकुर जयवीर सिंह से हाथ मिला लिया और जिला पंचायत चुनाव में उनकी पुत्रवधू को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जिता दिया. इस तरह जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में दोनों के बीच चली आ रही पुरानी रंजिश समाप्त हो गई और सपा के गढ़ कहे जाने वाले फिरोजाबाद में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भी कमल खिल गया.
फिरोजाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में बीजेपी की जीत का सेहरा सिरसागंज सीट से सपा विधायक तथा मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव के सर बंध रहा है. बीजेपी ने अपनी जीत की का श्रेय सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के समधी को दिया. दरअसल, फिरोजाबाद के सिरसागंज से सपा विधायक हरिओम यादव को समाजवादी पार्टी ने कुछ महीने पहले यह कहते हुए निष्कासित किया था कि यह भाजपा से मिले हुए हैं. फिर हरिओम यादव, शिवपाल सिंह यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी में चले गए.
विधायक हरिओम यादव की पत्नी और बेटा प्रसपा से जिला पंचायत सदस्य हैं. फिरोजाबाद में बीजेपी के पास जिला पंचायत सदस्य 5 थे, विधायक हरिओम यादव के पास जिला पंचायत सदस्य 6 थे, फिर भी हरिओम यादव ने जिला पंचायत अध्यक्ष की दावेदारी ना करके भारतीय जनता पार्टी को जिताया. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष तथा फिरोजाबाद जिले के प्रभारी दयाशंकर सिंह ने कहा कि इस जीत का श्रेय हरिओम यादव को जाता है.
बता दें कि विधायक हरिओम यादव, सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव के धुर विरोधी हैं और एक महीने पहले ही उन्होंने घोषणा कर दी थी कि समाजवादी पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष का पद हारेगी. हरिओम यादव का ये दावा सच साबित हुआ तथा उन्होंने सपा को हराने के लिए बीजेपी में अपने धुर विरोधी जयवीर सिंह की पुत्रवधू हर्षिता सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवा दिया.