नेपाल की लगातार मूसलाधार बारिश ने बिहार के कई जिलों में बाढ़ के हालात पैदा कर दिए हैं. बता दें कि नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद बिहार के कई जिले प्रभावित हुए हैं. जिसमें अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, सीवान, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा और सारण आदि शामिल हैं. राहत बचाव के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगी हैं.
बात करें सुपौल की तो यहां के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है. जिसके कारण लोग ऊंचे स्थानों पर पलायन को मजबूर हो गए हैं. लोग प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. लोगों का कहना है कि प्रशासन से मदद नहीं मिल रही है, भूखे प्यासे हैं. उन्हें राहत शिविर में नहीं ले जाया गया.
राज्य जल संसाधन विभाग की ओर से कहा गया है कि बिहार की अन्य नदियों में भी इस साल का अधिकतम जलस्तर दर्ज किया गया. विभाग के बयान के मुताबिक, "महानंदा नदी के तैयबपुर एवं ढ़ेगराघाट मापक स्थलों पर क्रमशः 66.81 मीटर एवं 37.22 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से क्रमश: 0.81 मीटर एवं 1.57 मीटर अधिक है. कमला बलान, ललबेकिया एवं महानंदा नदी के तटबंध एवं संरचनाएं सुरक्षित है."