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भारत के आगे झुका चीन: पीपी 14, 15 और 17 से पीछे हटी ड्रैगन की सेना

इससे पहले केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा था कि दोनों पक्ष पिछले दिनों बैठकों में बनी आपसी सहमति को गंभीरता से लागू करने के लिए सहमत हो गए हैं। विदेश मंत्रालय ने चीन के साथ सीमा वार्ता पर कहा, 'दोनों पक्ष इसपर सहमत हुए हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों की जल्दी और पूरी तरह से वापसी संबंधों की बेहतरी के लिए महत्वपूर्ण है।'

Abhishek Lohia
  • Jul 25 2020 11:53PM
पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच कई दिनों से जारी सीमा विवाद पर कुछ नरमी के संकेत मिलने लगे हैं। दोनों देशों में चल रही बातचीत की वजह से पेट्रोलिंग प्वाइंट 14, 15 और 17 से चीनी सेना ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। यह दोनों देशों के बीच डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया पर सहमति के तहत हुआ है।

न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि आने वाले दिनों में पैंगोंग सो झील के इलाके को लेकर भारत-चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच बैठक हो सकती है। इस बैठक में दोनों पक्षों के बीच सैनिकों को पीछे हटने की प्रक्रिया पर आगे की बातचीत होगी। एएनआई के अनुसार, 'सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर भारत और चीन के बीच जारी बातचीत के परिणामस्वरूप सेनाएं पेट्रोलिंग प्वाइंट 14, 15 और 17 पर पूरी तरह पीछे हट गई हैं।'

इससे पहले केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा था कि दोनों पक्ष पिछले दिनों बैठकों में बनी आपसी सहमति को गंभीरता से लागू करने के लिए सहमत हो गए हैं। विदेश मंत्रालय ने चीन के साथ सीमा वार्ता पर कहा, 'दोनों पक्ष इसपर सहमत हुए हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों की जल्दी और पूरी तरह से वापसी संबंधों की बेहतरी के लिए महत्वपूर्ण है।' उन्होंने कहा, 'दोनों पक्ष इसपर सहमत हुए हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता व्यापक संबंधों के लिए आवश्यक है।'

पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव कम करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच पांच जुलाई को टेलीफोन पर लगभग दो घंटे तक बात हुई थी। इस वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने छह जुलाई से विवाद वाले स्थानों से अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।

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