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Mother's day Poems, Status, WhatsApp status: मदर्स डे पर मां को डेडिकेट करें ये कविताएं

आज यानी 8 मई को सभी लोग मदर्स डे सेलिब्रेट कर रहे हैं।

Sudarshan News
  • May 8 2022 9:45AM
आज यानी 8 मई को सभी लोग मदर्स डे सेलिब्रेट कर रहे हैं। मदर्स डे के इस स्पेशल मौके पर मां के लिए अगर आप किसी अच्छे स्टेटस को लगाने के बारे में सोच रहे हैं तो हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ बेहतरीन कविताएं। जिन्हें बड़ी खूबसूरती से मां के लिए लिखा गया है। इन कविताओं के जरिए आप अपने मन की बात मां से कह सकते हैं। पढ़ें ये बेहद खूबसूरत कविताएं।

1) मां का प्यार

उसने जन्म देकर कितनी मुश्किलों से संसार दिखाया होगा,
खुद से पहले मुझे, अपने कोमल-कोमल हाथों से खाना खिलाया होगा।
प्यार है मुझे अपनी सारी उंगलियों से, 
क्योंकि पता नहीं कौन-सी उंगली पकड़कर उसने मुझे चलना सिखाया होगा। 

मैं खुश रहूं यही तो है उसकी आस
जरूरी नहीं है मेरे लिए रोजा और उपवास
कुछ बिगड़ नहीं सकता मेरा, क्योंकि मां कि दुआ है मेरे साथ 

मुझे खुश देख मन ही मन खुश हुआ करती हैं
भगवाल तो सिर्फ जन्म देते हैं, हिफाजल तो मां की दुआ करती है।

हर बड़ी चीज मां के सामने छोटी है,
मुझे दुखी देख उसकी ममता रोती हैं
अब समझ में आ गया ना, मां तो मां होती है।

2)  मां को बूढ़ा होते देख

चुपके चुपके मन ही मन में, खुद को रोते देख रहा हूं
बेबस होके अपनी मां को बूढ़ा होके  देख रहा हूं...
रचा है बचपन की आंखों में, खिला खिला सा मां का रूप..
जैसे जाड़े के मौसम में, नरम-नरम मखमल सी धूप 
धीरे-धीरे सपनों के इस रूप को खोते देख रहा हूं
बेबस होके अपनी मां को बूढ़ा होके  देख रहा हूं...
छूट गया है धीरे धीरे मां के हाथ का खाना भी
छीन लिया है वक्त ने उसकी बातों से भरा खजाना भी
घर की मालकिन को घर के कोने में सोते देख रहा हूं
चुपके चुपके मन ही मन में, खुद को रोते देख रहा हूं
चुपके चुपके मन ही मन में, खुद को रोते देख रहा हूं.....

3) मुस्कुराने का मन किया

आज मेरा फिर से मुस्कुराने का मन किया 
मां की उंगली पकड़कर घूमने जाने का दिल किया

उंगलियां पकड़कर मां ने मेरी मुझे चलना सिखाया है
खुद गीले में सोकर मां ने मुझे सूखे में सुलाया है। 

मां की गोद में सोने को फिर से जी करता है, 
हाथों से मां के खानाना खाने का जी करता है।
लगाकर सीने से मां ने मेरी मुझको दूध पिलाया है
रोने और चिल्लाने पर बड़े प्यार से चुप करया है... 

मेरी तकलीफ में मुझ से ज्यादा मेरी मां ही रोयी है
खिला पिला के मुझके मां मेरी, कभी भूखे पेट भी सोयी है। 

कभी खिलौने से खिलाया है, कभी आंचल में छुपाया है
गलतियां करने पर मां ने मुझे हमेशा प्यार से समझाया है। 

मां के चरणों में मुझको जन्नत नजर आती है
लेकिन मां मेरी मुझकों हमेशा सीने से लगाती है। 


4) बड़े ही जतन से 

बड़ी ही जतन से पाला है मां ने, हर एक मुश्किल को टाला है मां ने,
उंगली पकड़कर चलना सिखाया, जब भी गिरे तो संभाला है मां ने। 

चारों तरफ से हमको थे घेरे, जालिम बड़े थे मन के अंधेरे, 
बैठे हुए थे सब मुंह फेरे, एक मां ही थी दीपक मेरे जीवन में,
अंधकार  में डूबे हुए थे हम, किया ऐसे में उजाला मां ने।

मिलेगा ना दुनिया में मां सा कोई, मेरी आंखे बड़ी तो वो साथ रोई,
बिना उसकी लोरी के न आती है निंदिया जादू सा कर डाला है मां ने।

बड़ी ही जतन से पाला है मां ने, हर मुश्किल को टाला है मां ने।

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