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मनमाना फ़ी के बाद क़िताब का भी मनमाना दाम :अभिभावक हैं परेशान

नए सेशन से हर विद्यालय मे निजी स्कूल अपना फ़ीस प्रारूप तय किए हुए हैं .जिसमें इनोलमेन्ट ;डेवलपमेंट;सेसन चार्ज हर वर्ष पुराने स्टूडेंड कैडिडेट को भी लग रहे हैं .हर साल न्यू बुक हर क्लास मे दिया जा रहा हैं .जिसे अभिभाबक को आर्थिक नुकसान होता हैं .ना शिक्षा विभाग को नोटिस लेना हैं ना ही शासन को नोटिस लेना हैं .टैक्स के लेवल से विद्यालय को अलग़ रखा गया हैं जिसका पूरा ग़लत फ़ायदा निजी स्कूल लेते नज़र आ रहे हैं .

प्रवीण कुमार सिंह
  • Apr 14 2023 2:46PM

आपको बताते चले कि दर्जनों स्कूल मे जो जिला समस्तीपुर बिहार मुख्यालय के शहर मे हैं हर स्कूल का अपना फंडा हैं .हर स्कूल का अपना फ़ीस का पैमाना खुद तय करते हैं और बुक्स को तय क़िताब दूकान पर लेन को कहतें हैं ;ताकी उनका % बनता रहे .

हर साल फ़ीस का पैमाना बदलने के कारण और क़िताब के सेट बदलने के कारण हर मिडिल फॅमिली परेशानी मे रहता हैं .इस पुरे नेटवर्क मे नीचे से ऊपर तक सभी का माप दण्ड बना हुआ हैं .जो मिल कर मलाई खाते है.सरकारी विद्यालय मे शिक्षा का लेवल नीचे आ चूका हैं .जिस कारण से बच्चों को निजी स्कूल मे दाख़िला लेना पड़ता हैं .अभिभाबक गुणबत्ता पुर्ण शिक्षा के लिए निजी स्कूल का दरबाजा देखते हैं .जहां मोटी रक़म की माँग होती हैं .

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