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शिक्षा के मंदिर मे व्यापारी बने संचालक और पोषक बने शिक्षा ऑफिसर .

निजी विद्यालय मे शिक्षा लेना अब मिडिल फॅमिली को कठिन साबित होंगी .मनमाना फ़ीस के अलाबे मोती बुक्स का ;टाई बेल्ट डायरी आदि के नाम पर बड़ा पैकेज अविभाबक को देना पड़ रखा है .एक़ स्कूल से क़िताब दुकानदार 2 लाख तक कमाई करते हैं बिना कोई टैक्स दिए .सोचे ऐसे दर्जनो विधालय से करोड़ो की कमाई हो रहीं हैं .जिसका एक पार्ट विभाग को दिया जाता हैं ;कारण सरकार एजुकेशन को gstvat के लेवल से छूठ कर रखी हैं .

प्रवीण सिंह
  • Apr 10 2023 3:28PM

आपको बताते चले कि निजी स्कूल मैं मनमाना फ्री पर एजुकेशन डिपार्टमेंट को लग़ाम लगाना चाहिए .एक़ तय सीमा मैं फ़ीस लेना चाहिए .ताकी अभिभावक को लोड कम पड़े .

बिहार के समस्तीपुर शहर जो जिला मुख्यालय का हार्ट हैं ऐसे दर्जनो स्कूल हैं जहां क़िताब दुकानदार और स्कूल मिलकर आम अभिभाबक को मोटी फीस देने पर मज़बूर करते हैं .सुदर्शन के सम्बादाता को स्टेशन रोड पर बिहार पुष्तक भवन के गौरब ने बताया कि सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होने से बुक शॉप और विधालय बाले मनमाना लूट मचाए हुए हैं .एक मिलन बुक डिपो का सालाना करोड़ों का कारबार होता हैं जो वैट टैक्स नहीं होने पर मोटा भाई बन कर ख़ुद मुस्लिम होते हुए हिन्दू और ईशाई की लड़की से सादी कर रखा हैं .

इस लूट का दूसरा पार्ट ड्रेस मेकर भी हैं जो कमीशन पर स्कूल और कोचिंग का ड्रेस सिलते हैं .कुल मिला कर अभिभाबक को अपने बच्चो को पढ़ना हैं निजी स्कूल मे तो क़मर पूरी ढील करने होंगे l

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