जम्मू-कश्मीर में गणतंत्र दिवस के आते ही आतंकी गतिविधियां तेज हाे गई है. वहीं इस कड़ी में सोमवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) आईजी (कश्मीर) राजा बाबू सिंह ने क्षेत्र के वर्तमान हालात को लेकर बताया कि सीमा पार अब भी आतंकवादी मौजूद हैं और घुसपैठ करने की कोशिश में हैं. बीएसएफ आईजी ने कहा, ‘कश्मीर में एलओसी (LOC) पर सामान्य रूप से शांति है. साल 2021 में घुसपैठ की 58 कोशिशें हुईं, जिसमें 5 आतंकी मारे गए. ऐसी जानकारी हैं कि अभी भी 100 से अधिक आतंकवादी एलओसी के पार घुसपैठ की कोशिश में मौजूद हैं.’
उन्होंने कहा कि हमारी नजर लगातार आतंकियों की गतिविधियों पर बनी हुई है. बीएसएफ मुख्यालय हुमहामा में आयोजित वार्षिक सम्मेलन के दौरान राजा बाबू सिंह ने पत्रकारों से बात की और उनके सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा कि संघर्ष विराम के बाद नियंत्रण रेखा पर शांति है, लेकिन पाकिस्तान की मदद से आतंकियों ने यहां कई बार घुसपैठ करने की कोशिश की है. हमारे जवान इन सबसे निपटने के लिए तैयार हैं. वो पूरी मुस्तैदी के साथ बर्फबारी और बारिश में सीमा पर चौकसी बनाए हुए हैं.
बीएसएफ आईजी ने आगे कहा कि खुफिया एजेंसी ने सीमा पार पीओके में आतंकी गतिविधियों का पता लगाया है. उन्हें ऐसे इनपुट मिले हैं कि लॉन्चिंग पैड पर अब भी 104 से 135 आतंकी हैं. जो इस तरफ घुसपैठ करने की कोशिश में हैं. वो बस किसी मौके की तलाश में हैं. घुसपैठ सफल हो सके इसके लिए नियंत्रण रेखा से सटे गावों में जो गाइड थे, वो नियंत्रण रेखा से दूसरी ओर चले गए हैं. जानकारी मिलते ही उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. कहा जा रहा है कि इन गाइड्स को लॉन्चिंग पैड के जरिए आतंकियों को इस तरफ लाने का जिम्मा सौंपा गया है.
बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने आगे बताया कि बीएसएफ नियंत्रण रेखा पर 96 किलोमीटर लंबे इलाके में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाले हुए है. जवान और अधिकारी सभी पूरी मुस्तैदी से काम कर रहे हैं. आतंकियों की घुसपैठ को नाकाम करने के लिए सभी पूरी तरह तैयार हैं. इसके लिए घुसपैठरोधी तंत्र की नियमित तौर पर समीक्षा की जा रही है. सेना और दूसरी सुरक्षा एजेंसियां भी पूरी तरह सहयोग दे रही हैं. ताकि दुश्मन की किसी भी हरकत का मुहंतोड़ जवाब दिया जा सके.
अधिकारी ने ड्रोन के खतरे को नई चुनौती बताते हुए कहा कि आतंकियों के सरगना और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इसके इस्तेमाल से भारत के इलाकों में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी करती हैं. साथ ही गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भी वो ड्रोन का सहारा लेते हैं, जिससे निपटने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं. इसके लिए ड्रोन एंटी प्रणाली के इस्तेमाल के साथ ही ड्रोन की खरीद भी की जा रही है.