लोक जनशक्ति पार्टी में चल रहे घमासान के बीच आज चिराग पासवान ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई सवालों के जवाब दिए और स्थिति को सही से समझाने का प्रयास किया। इस दौरान वे दुखी भी दिखे।उन्होंने कहा कि पापा ने पार्टी भरोसे और विश्वास के साथ बनाई थी
लेकिन आज भरोसा टूट रहा है।पार्टी में चल रही उठा पटक पर चिराग ने कहा कि इसमें जेडीयू का हाथ लग रहा है।जेडीयू की हमेशा कोशिश रही है कि बांटो और शासन करो।
वहीं चिराग ने कहा कि पापा ने ये पार्टी बड़ी मेहनत और विश्वास के साथ बनाई थी। इसको मैं किसी भी हाल में ऐसे नहीं देख सकता हूं। उन्होंने कहा कि मैं लंबी लड़ाई लड़ूंगा और जो भी कुछ हो सकता है कानूनी तौर पर वो किया जाएगा।
चिराग कहा कि मैं एक शेर का बेटा हूं, जब उस समय विधानसभा चुनाव में अकेले जा सकता हूं तो आज तो साथियों, पदाधिकारियों, बिहार की जनता के आशीर्वाद के साथ हूं।
चिराग ने पीसी के दौरान दुखी होते हुए कहा कि शायद उस समय अनाथ नहीं हुआ था जब पापा गए थे, लेकिन चाचा के साथ छोड़ने पर मैं अनाथ हो गया।
प्रिंस को लेकर उन्होंने कहा कि वो कभी ऐसा करेगा सोचा भी नहीं था।प्रिंस के ऐसा करने पर मैं व्यक्तिगत तौर पर काफी दुखी हूं। उन्होंने कहा कि जब प्रिंस पर आरोप लगे तो मैंने खुद युवती और प्रिंस से बात की थी।इसके बाद ही मैंने उन्हें पुलिस के पास जाने की सलाह दी थी।प्रिंस मेरे भाई नहीं बेटे जैसा है।
चाचा पशुपति पारस के एकतरफा निर्णय के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि यदि उन्हें कुछ गलत लगा था तो कहना चाहिए था आपत्ति करनी चाहिए थी।
चिराग ने इस दौरान साफ संकेत दिया कि वे लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के पूरे विचार में हैं,उन्होंने ये साफ किया कि किसी को भी पद से हटाने का अधिकार पारस के पास नहीं हैं।