कोविड-19 के दौर में योगी आदित्यनाथ की सरकार सामाजिक दूरी बनाने के लिए लगातार नए-नए प्रयोग कर रही है। 20 अगस्त से उत्तर प्रदेश के विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होना है। उत्तर प्रदेश की विधानसभा देश के सबसे बड़ी विधानसभा है ऐसे में विधायकों की ज्यादा संख्या को देखते हुए सदन के अंदर बनी दर्शक दीर्घा को भी विधायकों के बैठने के लिए प्रयोग किए जाने का निर्णय लिया गया है। सामाजिक दूरी के सिद्धांत का पालन कराने के लिए सभी विधायक 1 सीट छोड़कर बैठेंगे।
65 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले विधायक करेंगे वर्चुअल हिस्सेदारी-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा विधानमंडल दल की वर्चुअल बैठक में विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी विधायकों को कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करना है साथ ही परिस्थितियों का हवाला देते हुए शांति और धैर्य बनाकर रखना है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के विधायकों से सदन में आने की वजह वर्चुअल हिस्सेदारी करने को कहा है उन्होंने अस्वस्थ विधायकों से भी इसी माध्यम से सदन की कार्यवाही में शामिल होने के लिए कहा है। सीएम योगी ने कहा कि जो विधायक सदन की कार्यवाही में नहीं आते हैं वह लिखकर दे दे उनकी उपस्थिति सदन में मान ली जाएगी। माना जा रहा है की विधायकों की वर्चुअल हिस्सेदारी पर आज फैसला हो जाएगा।
सतर्कता बेहद जरूरी सरकार ने खोए है 2 कैबिनेट मंत्री -
सीएम योगी ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि परिस्थितियां काफी प्रतिकूल है लेकिन संवैधानिक बाध्यता के चलते सदन की बैठक बुलाना आवश्यक हो गया था यदि ऐसा न होता तो परिस्थितियां सामान्य होने पर ही सदन की कार्यवाही बुलाई जाती और सभी को उनकी बात रखने का मौका मिलता। कोरोना के चलते भारतीय जनता पार्टी ने अपने दो कैबिनेट मंत्री खोए हैं ऐसे में सभी विधायको केे स्वास्थ्य की पूरी सुरक्षा का ध्यान रखना है। गौरतलब है कि कोविड-19 के चलते उत्तर प्रदेश सरकार के 2 कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण और चेतन चौहान का निधन हो चुका है ऐसे में सरकार विधायकों के स्वास्थ्य को लेकर बेहद सतर्क है। सीएम ने विधायकों से अपील करी है कि सदन के अंदर एक दूसरे से पर्याप्त दूरी बनाकर रखें और मास्क अवश्य पहने। सदन की कार्यवाही में भाग लेने से पहले सभी विधायकों को कोरोना जांच करानी होगी और रिपोर्ट नेगेटिव होने के बाद ही वह कार्यवाही में हिस्सा ले सकेंगे।