उत्तर प्रदेश में चुनावी तारीखों के एलन के साथ ही राजनीती अपने चरम पर है। वहीँ दलबदल का भी सिलसिला जोरों पर है।कुछ नेता भाग्ज्पा का दामन छोड़ समाजवादी के पाले में जा रहे हैं तो कुछ नेता समाजवादी छोड़ भगवा रंग में रंगते दिख रहे हैं। सियासी दलबदल से सम्बंधित एक खबर सामने आई है। खबर के मुताबिक समाजवादी पार्टी को एक और झटका लगा है। जलालपुर से सपा विधायक सुभाष राय ने पार्टी का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है।
सुभाष राय बीजेपी में शामिल हो गए हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में सुभाष राय ने बीजेपी का ज्वाइन कर ली है। दरअसल सुभाष राय लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे। उनकी नाराजगी देखते हुए पार्टी ने उन्हें पांच महीने बाद होने वाले चुनाव में एमएलसी बनाने का भरोसा भी दिया था, लेकिन सुभाष इस बात से भी खुश नहीं थे। वो जलालपुर से टिकट कटने के बाद से ही पार्टी से बेहद खफा चल रहे थे। सुभाष सपा जिलाध्यक्ष का पद स्वीकार करने से भी इंकार कर चुके थे।
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सुभाष राय का स्वागत करते हुए कहा कि इनकी भाजपा में घरवापसी हुई है। सुभाष राय पहले भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चे में रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि सुभाष राय के भाजपा में आने से पार्टी मजबूत होगी। प्रदेश में भाजपा सरकार के दौरान कानून के राज के चलते शांति, राष्ट्रवाद और विकास की बयार को देखते हुए सुभाष राय ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि सुभाष राय का जमीनी स्तर पर प्रभाव है। वह दलितों-पिछड़ों के लिए लगातार काम करते रहें हैं।
बताया जा रहा है कि विधायक सुभाष राय को मनाने के लिए सपा नेतृत्व ने उन्हें पांच महीने बाद होने वाले चुनाव में एमएलसी बनाने का ऑफर दिया था। लेकिन इसके बाद भी सुभाष राय सपा में नहीं रुके। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक जलालपुर से टिकट कटने पर सुभाष राय ने सपा जिलाध्यक्ष का पद स्वीकार करने से भी इनकार कर दिया था।