गुवाहाटी के बोरागांव में असम आंदोलन के वीरगति प्राप्त वीरों की याद में मनाए गए 'स्वाहिद दिवस' कार्यक्रम में सीएम सरमा ने लोगों से संस्कृति बचाए जाने की अपील की.
सीएम सरमा ने कहा, मेरा मानना है कि अगर हर असमवासी किसी भी संदिग्ध विदेशी को अपनी जमीन नहीं बेचने का संकल्प लेते हैं तो इससे हमारी 'जाति' (समुदाय) की रक्षा होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा, कुछ लोग आर्थिक लाभ के लिए अपनी जमीन बेच देते हैं, जबकि उनको पैसे की कोई जरूरत नहीं होती है. फिर भी वे अपनी जमीनें संदिग्ध विदेशियों को बेच देते हैं. आइए हम अपनी जमीन किसी भी संदिग्ध विदेशी को नहीं बेचने की प्रतिज्ञा लें.
उन्होंने कहा कि सरकार माजुली, बारपेटा और बटाद्रवा जैसी जगहों पर बाहरी लोगों को जमीन की बिक्री पर रोक लगाने वाला कानून लाएगी. इस दौरान सरमा ने अवैध आप्रवासियों के खिलाफ छह साल तक चले असम आंदोलन को भी याद किया.
सरमा ने कहा, आंदोलन सिर्फ भावनाओं पर आधारित नहीं था, बल्कि इसमें तर्क भी था. आंदोलन के कई नेताओं ने असम को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का सपना देखा था और उस समय के युवाओं ने भी छोटी-मोटी नौकरियां करके इसका जवाब दिया था.