पितृपक्ष में हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं जो मृत्युलोक में चले गए हैं और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं और तर्पण और पिंड दान के माध्यम से उन्हें संतुष्ट करते हैं। श्राद्ध पक्ष के 15 दिन पूरी तरह से पितरों को समर्पित होते हैं। इसलिए कहा जाता है कि इस दौरान नई चीजें खरीदनी और खाना नहीं चाहिए। इससे हमारा ध्यान अपने पूर्वजों से हट जाता है और हमारे पूर्वजों की आत्मा को ठेस पहुंचती है।
हालांकि, जैसे ही पितृ पक्ष समाप्त होता है, अगले दिन से शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाती है, ऐसे में क्या सर्व पितृ अमावस्या पर नवरात्रि पूजा सामग्री ली जा सकती है? आइए जानते है इसके बारे में यहां।
सर्व पितृ अमवास्या के बाद शादीय नवरात्रि
पितृ पक्ष में पितरों को श्रद्धांजलि देने के लिए श्राद्ध कर्म किये जाते हैं। 17 सितंबर को भादों की पूर्णिमा के साथ शुरू हुआ पितृ पक्ष अब समाप्ति की ओर है। 2 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या है। इस दिन पितर अपने लोक लौट जाएंगे, इसके अगले दिन 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है।
पितृ पक्ष में नवरात्रि पूजा सामग्री लेना शुभ या अशुभ ?
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। जिसके लिए भक्त पहले से ही पूजा और कलश स्थापना की तैयारी करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान पूजा-पाठ में बाधा नहीं आती है। ऐसे में आप पितृ पक्ष के दौरान मां दुर्गा की पूजा से जुड़ी सामग्री खरीद सकते हैं।
बता दें कि, इस साल नवरात्रि में घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 3 अक्टूबर 2024 को सुबह 06.24 से सुबह 08.45 का है। ऐसे में नवरात्रि वाले ही दिन दुर्गा पूजन की तैयारी करना संभव नहीं होगा। इसके लिए आप पहले ही पूजन सामग्री इक्ट्ठा कर ले।
सर्व पितृ अमावस्या पर कब खरीदें सामान
जो लोग सर्वा पितृ अमावस्या पर अपने पर्व पर तर्पण और पिंडदान कर रहे हैं उन्हें श्राद्ध कर्म करने के बाद ही नवरात्रि पूजन की सामग्री खरीदनी चाहिए। अमावस्या पितरों के श्राद्ध का अंतिम दिन है। श्राद्ध का अन्न और जल ग्रहण करने के बाद पितर अपने लोक लौट जाते हैं।