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पेट्रोल पंप के लिए किराए पर देना चाहते हैं जमीन तो हो जाएं सावधान, कहीं कोई बनारस का विकास सिंह आपका भी हाल न कर दे चंदौली के राकेश सिंह जैसा

साल 2019 में जब सोनभद्र जिले में जमीन के विवाद में 10 लोगों की हत्या हुई तब उसके बाद हुई योगी सरकार की कार्रवाई से ऐसा लगा था कि अब न सिर्फ जमीन के माफिया बल्कि जमीन के अधिकारी भी जमीन के मामलों में न गलत करेंगे और न ही गलत होने देंगे।

प्रशान्त सिंह
  • Sep 10 2022 5:06PM

साल 2019 में जब सोनभद्र जिले में जमीन के विवाद में 10 लोगों की हत्या हुई तब उसके बाद हुई योगी सरकार की कार्रवाई से ऐसा लगा था कि अब न सिर्फ जमीन के माफिया बल्कि जमीन के अधिकारी भी जमीन के मामलों में न गलत करेंगे और न ही गलत होने देंगे। लेकिन हैरानी की बात है कि उसी सोनभद्र से ठीक सटे जिले में एक बार फिर से भूमाफिया हावी हो गए हैं। उनका जोर न सिर्फ एक निरीह पीड़ित पर चल रहा है बल्कि कुछ अधिकारीयों के सिर चढ़ कर भी बोल रहा है। उसी पीड़ित का नाम राकेश सिंह है जो सदर कोतवाली के गाँव फुटिया का निवासी है। जानकारी के मुताबिक पीड़ित राकेश ने छित्तो मौजा की अपनी जमीन 29 साल 11 माह के लिए वाराणसी के विकास सिंह को पेट्रोल पम्प बनवाने के लिए दी थी। इस सौदे में मासिक किराया 80 हजार रूपये प्रतिमाह तय हुआ था। अपनी जमीन से मिलने वाले पैसे से राकेश सिंह अपने उस परिवार का पेट पालते जिसमें महिलाएँ, बच्चे और वृद्ध भी सदस्य हैं।

संभवतः पहले ही किसी ख़ास सोच और साजिश की तैयारी कर के बैठे विकास सिंह ने 2 साल तक जमीन के असल मालिक राकेश को एक पैसा भी नहीं दिया। भूस्वामी हो कर भी राकेश ने पेट्रोल पम्प मालिक विकास सिंह से कई बार विनती की लेकिन बदले में महज अपमान और धौंस मिली। राकेश ने विकल्प के तौर पर कोर्ट में अपनी जमीन खाली करवाने का मुकदमा दायर कर दिया जिसमें उन्होंने अपनी लीज को कैंसिल करने की गुहार लगाई। यह मामला आज भी न्यायालय में लंबित है। इस बीच पहले से ही तैयार विकास सिंह खुद को पेट्रोल पम्प के साथ जमीन का भी मालिक मान बैठे और वहाँ अवैध निर्माण करवाते रहे। भूमि हड़पे जाने और धौंस झेलने की शिकायत राकेश सिंह लगातार जिले के सक्षम अधिकारियों से करते रहे लेकिन उनकी गुहार पर विकास सिंह का भौकाल हमेशा हावी रहा। भूमिहीन कर दिए गए राकेश ने शायद ही ऐसा कोई अधिकारी हो जिसका दरवाजा न खटखटाया हो पर जो भी दरवाजा खुला उसमें अंदर विकास सिंह का प्रभुत्व दिखाई पड़ा। कहना गलत नहीं होगा कि विकास सिंह ने राकेश को भूमिहीन के साथ विकल्पहीन भी कर दिया।

राकेश के मुताबिक विकास सिंह के विकास का मतलब सिर्फ जमीन का घोटाला कर के अपना विकास कर लेना है, बाकियों के लिए विकास किसी विनाश से कम नहीं हैं। उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति के विनाश का दोषी भी विकास को ही बताया। आखिरकार राकेश सिंह को अपनी अंतिम उम्मीद के तौर पर पर चंदौली जिले के SP दिखे। उन्होंने रोते हुए अपनी ही जमीन पर दूसरे के द्वारा कब्ज़े की शिकायत करते हुए हो रहे अवैध निर्माण पर रोकने की विनती की। राकेश ने यह भी कहा कि विपक्षी विकास न सिर्फ उनकी जमीन हड़प चुका है बल्कि अब वो जान से मार डालने की धमकी भी दे रहा है। राकेश की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक चंदौली ने जाँच करवाने के बाद उचित कार्रवाई का भरोसा दिया। राकेश पीड़ा से परिचित क्षेत्रवासी भी अब ये प्रतीक्षा कर रहे हैं कि क्या पुलिस अधीक्षक चंदौली ही राकेश के साथ हुए लगातार अन्याय में न्यायकर्ता बनेगे।

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