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अमरिंदर के मुख्यमत्री पद से हटने के पीछे रणदीप सुरजेवाला ने दिया बड़ा बयान....कहा- सोनिया गांधी ने नहीं हटाया बल्कि कांग्रेस के 78 विधायक उन्हें हटाना चाहते थे

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को दावा किया कि अमरिंदर सिंह को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नहीं हटाया बल्कि कांग्रेस के 78 विधायक उन्हें हटाना चाहते थे। सुरजेवाला का बयान ऐसे समय आया है जब अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पार्टी नेतृव पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया है।

shanti
  • Oct 3 2021 2:54PM
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह अपने पद को लेकर अभी भी चर्चे में चल रहे है। शनिवार को अपने पद से हटने के पीछे उन्होंने एक बड़ा बयान दिया है। साथ ही रणदीप सुरजेवाला भी इसपर अपना बयान जारी किया है जैसा कि सुनने में आया था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी द्वारा अमरिंदर सिंह को हटवाया गया है लेकिन रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया है कि सोनिया गाँधी ने नहीं बल्कि 79 में 78 विधायकों ने पार्टी नेतृत्व को पत्र लिखकर कैप्टन अमरिंदर को हटाने की मांग की थी जबकि एक दिन पहले ही हरीश रावत ने एक बयान में कहा था कि 43 विधायकों ने इस मुद्दे पर आलाकमान को पत्र लिखा था।

ऐसे में दोनों नेताओं द्वारा पार्टी आलाकमान को मिले पत्र की अलग-अलग संख्या बताए जाने को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपना पक्ष रखा और हमला किया। उन्होंने इसे हास्यास्पद करार दिया है। उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि पूरी पार्टी नवजोत सिंह सिद्धू की कॉमिक थियेट्रिक्स की भावना से प्रभावित हो गई है।" उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, "आगे वे दावा करेंगे कि 117 विधायकों ने उन्हें मेरे खिलाफ लिखा था!"

उन्होंने कहा, 'पार्टी में यह स्थिति है कि वह अपने झूठ का ठीक से समन्वय भी नहीं कर सकते हैं।” पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 'सच्चाई तो यह है कि उक्त पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले 43 विधायकों को दबाव में ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया था।' उन्होंने कहा कि 'पंजाब संकट से निपटने के अपने कुप्रबंधन को लेकर घेरे जाने के बाद कांग्रेस अब पूरी तरह से दहशत की स्थिति में है, जो उसके नेताओं के बयानों से साफ नजर आ रहा है।'

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को दावा किया कि अमरिंदर सिंह को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नहीं हटाया बल्कि कांग्रेस के 78 विधायक उन्हें हटाना चाहते थे। सुरजेवाला का बयान ऐसे समय आया है जब अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पार्टी नेतृव पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया है। अमरिंदर सिंह के हटने के बाद पिछले महीने चरणजीत सिंह चन्नी को पार्टी के विधायी दल का नेता चुन लिया गया।

कांग्रेस के महासचिव सुरजेवाला ने कहा कि जब कोई मुख्यमंत्री अपने सभी विधायकों का विश्वास खो देता है तो उसे पद पर नहीं बने रहना चाहिए। सुरजेवाला ने यहां संवाददाताओं से कहा, “(पंजाब में) 79 में से 78 विधायकों ने मुख्यमंत्री को हटाने के लिए पत्र लिखा था। अगर हम मुख्यमंत्री नहीं बदलते तो आप हम पर तानाशाही का आरोप लगाते। मुख्यमंत्री एक तरफ और 78 विधायक एक तरफ और आप उन्हें सुनना नहीं चाहते।”

उन्होंने कहा, “सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष हैं और पंजाब में मुख्यमंत्री बदलने का फैसला उन्होंने नहीं लिया। जैसा कि मैंने आपको बताया, 78 विधायकों ने पत्र लिखा था और उसके बाद हमने मुख्यमंत्री को बदल दिया।”

वही हरीश रावत का कहना था कि 43 विधायकों ने सीएलपी बैठक की मांग को लेकर अमरिंदर के खिलाफ एक पत्र पर हस्ताक्षर किए। रावत ने कहा था कि सोनिया गांधी ने 43 विधायकों के हस्ताक्षर वाली शिकायतों के बारे में भी अमरिंदर से बात की थी।



 

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