तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में सदन की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया. वहीं इस पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का बयान सामने आया है, उन्होंने कहा है कि, जिस व्यक्ति ने आरोप लगाया है, उसके बयान के आधार पर फैसला लिया गया. यह न्याय की स्वाभाविक प्रक्रिया के खिलाफ है.
सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, जिसने आरोप लगाया वो दुबई में बैठे हुए हैं. उन्होंने बयान दे दिया उसके आधार पर आपने निर्णय ले लिया. अब आने वाले समय में जब वो TMC से चुनाव लड़ेंगी तो भारी बहुमत से जीतकर आएंगी.
महुआ मोइत्रा ने सदस्यता जाने पर कहा कि मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं थे. उन्होंने कहा, लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट ने सभी नियमों को तोड़ा है. मुझे उस आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया गया है, जो अस्तित्व में ही नहीं है. नकदी या उपहार का कोई सबूत नहीं है, आचार समिति ने मुद्दे की जड़ तक पहुंचे बिना मुझे दोषी ठहराने का फैसला किया.
तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा, सांसद आम जनता के सवालों को संसद तक पहुंचाने में सेतु की भूमिका निभाते हैं, कंगारू कोर्ट (अवैध अदालत)’ ने बिना सबूत के मुझे सजा दी मेरे खिलाफ पूरा मामला लॉगिन विवरण साझा करने पर आधारित है, लेकिन इस पहलू के लिए कोई नियम तय नहीं है. ये फैसला दिखाता है कि मोदी सरकार के लिए अडानी ग्रुप कितना महत्वपूर्ण है.