पीएचडी हो जाएगी कठिन बढ़ेगा कंपटीशन
पीएचडी करना अब आसान नहीं होगा। नया शास्त्र में पीएचडी में पंजीकरण के लिए छात्रों को कड़ी चुनौतियों से गुजरना होगा जानने के लिए आगे पढ़े
पीएचडी करना अब आसान नहीं होगा नयाा शस्त्र में पीएचडी में पंजीकरण के लिए छात्रों को कड़ी चुनौतियों से गुजरना होगा इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि नई शिक्षा नीति में एमफिल खत्म की जा रही है। इस बार पीएचडी आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ेगी। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के पीएचडी के आवेदन फॉर्म जून के अंतिम माह जुलाई के प्रथम माह में जारी होने की संभावना है। कानपुर के अलावा शास्त्रों के छात्र-छात्राएं भी आवेदन करेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग पीएचडी के लिए क्रेडिट कोर्स से डिजाइन किया है। इसकी बजाय छात्रों को कुछ नया खोजना होगा अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होने से सुपरवाइजर मिलना भी एक बड़ी चुनौती होगी। आयोग सुपरवाइजर के लिए जो योग्यता रखी है, उसके अनुरूप उनकी तलाश आसान नहीं होगी सुपरवाइजर के लिए स्नातकोत्तर महाविधालय में पढ़ाने का काम से कम 10 वर्ष का अनुभव जरूरी कर दिया गया है। एक प्रोफेसर के दिशा निर्देश में आठ एसोसिएट प्रोफेसर के छह असिस्टेंट प्रोफेसर के दिशा निर्देश में चार शोधार्थी पीएचडी कर सकते हैं। विश्वविद्यालय के शोध विभाग ने प्री - पीएचडी के लिए जो कोर्स तैयार किया है। उसके अंतर्गत छात्र शोध प्रविधि और संबंधित विषय की पढ़ाई करेंगे।
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