पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान की एक और साज़िश दुनिया के सामने बेनकाब हो गई है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बंद कमरे में हुई बैठक में पाकिस्तान को उसके झूठे 'फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन' के नैरेटिव पर ज़बरदस्त फटकार मिली। बैठक में शामिल देशों ने साफ कहा कि अब आतंकवाद को किसी धर्म या बहाने की आड़ में छिपाया नहीं जा सकता।
एएनआई को सूत्रों के से प्राप्त जानकारी के अनुसार, UNSC की बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधियों ने हमेशा की तरह हमले का ठीकरा भारत पर फोड़ने की नाकाम कोशिश की और इसे 'फॉल्स फ्लैग' करार दिया। लेकिन सुरक्षा परिषद के कई सदस्य इस झूठ से भड़क उठे। उन्होंने सीधा सवाल दागा- पहलगाम में मारे गए मासूम पर्यटकों का कसूर क्या था? क्या लश्कर-ए-तैयबा का नाम अब भी पाक सरकार के लिए असुविधाजनक सत्य है?
धर्म पूछकर की गई थी हत्या– दुनिया हुई शर्मसार
बैठक में एक और भयावह सच्चाई को उभारा गया- आतंकियों ने हमला धार्मिक पहचान के आधार पर किया था। यात्रियों से पहले उनका मजहब पूछा गया और फिर गोलियों से छलनी कर दिया गया। इस मुद्दे पर कई देशों ने पाकिस्तान की चुप्पी और लश्कर के समर्थन को घोर आपत्तिजनक बताया।
परमाणु युद्ध की धमकी से डराने की नाकाम कोशिश
पाकिस्तान का परमाणु हथियारों की धमकी देना अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर उल्टा पड़ रहा है। कई सदस्य देशों ने साफ कहा कि परमाणु युद्ध की बात करना केवल तनाव को भड़काने की कोशिश है और इस्लामाबाद अब खुद एक खतरा बनता जा रहा है।
बात भारत से करो, दुनिया नहीं सुनेगी तुम्हारा रोना
बैठक का सार यही रहा कि पाकिस्तान अब दुनिया की आंखों में धूल नहीं झोंक सकता। परिषद के कई सदस्यों – अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस ने उसे साफ शब्दों में कहा कि भारत के साथ बातचीत कर अपनी समस्याओं का हल निकाले। अंतरराष्ट्रीयकरण की चाल अब नहीं चलेगी।