बंगाल की धरती एक बार फिर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का अड्डा बनती जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में जो खुलासे हुए हैं, वो देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर खतरे की घंटी हैं। कोलकाता के पास बिराटी से गिरफ्तार पाकिस्तानी नागरिक आज़ाद मलिक के संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ते पाए गए हैं।
आज़ाद न सिर्फ आईएसआई के लगातार संपर्क में था, बल्कि उसके इशारे पर भारत में स्लीपर सेल बनाने की साजिश भी रच रहा था। जानकारी के मुताबिक, उसने 500 से अधिक पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों को फर्जी पासपोर्ट बनवाकर दिए हैं। ये घुसपैठिए नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते भारत में दाखिल हुए और अब देश के अलग-अलग राज्यों में फैल चुके हैं।
भारत में ISI की घुसपैठ की बड़ी साजिश!
ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि आज़ाद को जब-जब पाकिस्तान से आदेश मिलता, वह उसी के मुताबिक काम करता था। उसके मोबाइल फोन और दस्तावेज़ों से कई अहम सुराग मिले हैं। पाकिस्तान का ड्राइविंग लाइसेंस, उसके आईएसआई से संबंधों की पुष्टि करता सबसे बड़ा सबूत है।
अब तक की पूछताछ में क्या मिला?
ईडी अब उन तमाम लोगों की सूची तैयार कर रही है, जिन्हें आज़ाद ने फर्जी तरीके से दस्तावेज़ तैयार कर दिए। जांच एजेंसी को संदेह है कि इन घुसपैठियों में कई आईएसआई एजेंट, आतंकी मददगार और देशविरोधी तत्व शामिल हैं।
अब सवाल यह उठता है कि क्या बंगाल की सरकार और खुफिया एजेंसियां इतनी बड़ी साजिश से अंजान थीं, या जानबूझकर नजरें फेर ली गईं?