खालिस्तानी आतंकियों को नाजायज असलाह सप्लाई करने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई संदिग्ध इस समय एटीएस के रडार पर है। इस गिरोह के दो सदस्यों को एटीएस ने कुछ दिनों पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद जब इन लोगों से पूछताछ हुई तब उन्होंने अपने कई साथियों के नाम उजागर किए लेकिन ATS उन लोगो के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नही जुटा पाई जिससे यह साबित होता कि इन लोगो ने आतंकियों को हथियार सप्लाई किया था। इस मजबूरी के चलते गिरफ्तार आतंकियों के साथियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा सकी। फिलहाल ATS संदिग्ध लोगों में से दो की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखे हैं। जून के महीने में एटीएस ने मेरठ से जावेद नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। जावेद की गिरफ्तारी उसके साथी आशीष कुमार की निशानदेही पर हुई थी दोनों को ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था। आशीष और जावेद ने पॉइंट 32 बोर के पिस्टल की सप्लाई खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के मेंबर धर्मेंद्र सिंह और गुगनी को करी थी। गुगनी ने अगस्त 2016 में पंजाब में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उप प्रमुख रिटायर्ड ब्रिगेडियर जगदीश कुमार गगनेजा की हत्या की थी जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। गुगनी ने इस हत्या के लिए जिस पिस्टल का प्रयोग किया था वह पिस्टल जावेद और आशीष में सप्लाई की थी।