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उत्तराखंड में निजी अस्पताल चिकित्सक की लापरवाही

जानकारी होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी चैन की नींद सोए हुए हैं और मदारी का तमाशा देख रहे हैं

Krishna Kumar
  • Sep 6 2020 11:51PM
झोलाछाप डॉक्टरों और फर्जी अस्पतालों का जमावड़ा किसी से छुपा नही है। जहां आए दिन फर्जी अस्पतालों में लापरवाही की घटनाएं सामने आती हैं। लेकिन जानकारी होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी चैन की नींद सोए हुए हैं और मदारी का तमाशा देख रहे हैं। यही कारण है कि ऊंची दिल्ली को मैं अपने अस्पताल बनाकर लोगों को अपनी तरफ खींच रहे हैं और गलत उपचार करते हुए उनका खून चूस रहे हैं।
 
बता दें कि बाजपुर में झोलाछाप डॉक्टरों और फर्जी अस्पताल हर गली मोहल्लों में खुले हुए हैं जिनकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को भी है लेकिन इन अस्पतालों पर जिम्मेदार अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं यही कारण है कि क्षेत्र की भोली-भाली जनता इनके चंगुल में आकर फस जाती है और यह झोलाछाप डॉक्टर इनकी जान से खेलने से नहीं चूकते हैं। ताजा मामला बाजपुर के मोहल्ला गांधी नगर का है जहां अनीता देवी ने 14 जुलाई को दोराहे के लाइफ लाइन हॉस्पिटल नामक अस्पताल में पित्त की थैली का इलाज करवाया था। जहां चिकित्सक डॉ अरशद जमाल ने महिला को पूर्ण रूप से स्वस्थ करने का आश्वासन दिया था लेकिन डॉ अरशद जमाल की लापरवाही ने बाजपुर के फर्जी अस्पतालों का कारनामा सामने लाकर रख दिया है। जहां डॉ जमाल ने इलाज से पूर्व महिला को दिया जाने वाला एनेस्थीसिया का इंजेक्शन बिना एनएसथीसिया के डॉक्टर की देखरेख में खुद ही दे डाला। इतना ही नहीं डॉ अरशद जमाल ने महिला को एक बार नहीं बल्कि 25 से 30 बार एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया है। उपचार के बाद चिकित्सकों ने महिला को घर भेज दिया। लेकिन अत्यधिक मात्रा में एनएसथीसिया का इंजेक्शन लगने से महिला की कमर और सर में दर्द रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जिसको लेकर महिला ने अपनी पुत्री के साथ अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सक से बात करनी चाही लेकिन किसी ने महिला की एक ना सुनी और दादागिरी दिखानी शुरू कर दी। जिसके बाद पीड़िता की पुत्री ने अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सक के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग और एसडीएम को ज्ञापन देकर अस्पताल के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। पीड़िता की पुत्री निकिता ने बताया कि डॉ अरशद जमाल द्वारा पूर्व में भी इस तरह से लोगों का उपचार किया जाता है।
 वही जब इस मामले में ब्याज पर एसडीएम एके वाजपेई से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अस्पताल के खिलाफ एक प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ है। जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ वार्ता की जाएगी और एक टीम गठित कर जांच की जाएगी। एसडीम एपी बाजपाई ने गलत उपचार करने के मामले सामने आने की बात को भी कबूला है

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