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Maharashtra: संजय राउत की गिरफ्तारी पर भड़की शिवसेना, कहा- उन्हें फंसाने के लिए पेश किए गए कई ‘झूठे सबूत'

शिवसेना ने कहा कि देश में 1975-77 के दौरान आपातकाल लगाया गया था और कई विपक्षी नेताओं, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया था। भाजपा पर एक और तंज करते हुए, शिवसेना ने कहा कि जब केंद्रीय एजेंसियों द्वारा विपक्षी नेताओं को नोटिस जारी किए गए, तो नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या जैसे कथित आर्थिक अपराधी देश छोड़कर भाग गए।

Geeta
  • Aug 2 2022 1:59PM

राज्यसभा सदस्य संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किया गया है. वहीं संजय राउत के गिरफ्तार किए जाने पर मंगलवार को भाजपा की आलोचना करते हुए शिवसेना ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान भी विपक्ष को इस तरह निशाना नहीं बनाया गया था।

शिवसेना ने कहा कि अगर विपक्ष के साथ सम्मानपूर्वक आचरण नहीं किया जाता है तो लोकतंत्र और एक देश नष्ट हो जाता है। राउत को ईडी ने रविवार की रात मुंबई में एक चॉल पुनर्विकास योजना से संबद्ध मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। उन्हें चार अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेजा गया है।

शिवसेना ने कहा कि राज्यसभा सांसद और सामना के कार्यकारी संपादक राउत को राजनीतिक प्रतिशोध के चलते गिरफ्तार किया गया था और कथित पात्रा चॉल मामले में उन्हें फंसाने के लिए कई ‘‘झूठे सबूत'' पेश किए गए। संपादकीय में कहा गया है कि अगर राउत ने भाजपा के साथ गठबंधन किया होता, तो वह भी उसकी ‘‘वाशिंग मशीन'' में साफ हो जाते।

राउत को जल्दबाजी में गिरफ्तार किए जाने को लेकर सवाल उठाते हुए शिवसेना ने कहा कि उन्होंने ईडी को एक पत्र सौंपा है जिसमें कहा गया है कि वह संसद के मानसून सत्र और उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद एंटी मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी के समक्ष पेश होंगे।

शिवसेना के अनुसार, ईडी ने लेकिन इस पर विचार नहीं किया और रविवार को सुबह उनके आवास पर छापा मारा। संपादकीय में कहा गया है सत्ता में बैठे लोगों ने सच बोलने वाले लोगों की जुबान काटने या गला घोंट देने का फैसला किया है। ऐसा तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान भी नहीं हुआ था।''

शिवसेना ने कहा कि देश में 1975-77 के दौरान आपातकाल लगाया गया था और कई विपक्षी नेताओं, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया था। भाजपा पर एक और तंज करते हुए, शिवसेना ने कहा कि जब केंद्रीय एजेंसियों द्वारा विपक्षी नेताओं को नोटिस जारी किए गए, तो नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या जैसे कथित आर्थिक अपराधी देश छोड़कर भाग गए।

संपादकीय में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही समूह की भी आलोचना करते हुए कहा गया कि जो सांसद और विधायक अब ‘‘साहस भरे शब्द'' बोल रहे हैं, वे ईडी और आयकर के रडार पर हैं। पार्टी ने कहा, ‘‘ये सभी लोग आज संतों की तरह बात कर रहे हैं।''

शिवसेना ने याद किया कि राउत ने छह महीने पहले राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को एक पत्र सौंपा था जिसमें कहा गया था कि उनसे कुछ लोगों ने संपर्क कर महाराष्ट्र की तत्कालीन एमवीए सरकार को गिराने में सहायता करने के लिए कहा था और ऐसा न करने पर उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। शिवसेना ने कहा कि जिन्होंने तलवार लटका रखी थी, उन्होंने ठाकरे सरकार गिरा दी। इस घटनाक्रम को समझना होगा।''

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