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भारत ने SCO की बैठक को वर्जुअली आयोजित कराने का लिया फैसला... प्रधानमंत्री मोदी करेंगे बैठक की अध्यक्षता

भारत सरकार ने फैसला किया है कि आगामी SCO शिखर सम्मेलन को वर्जुअली आयोजित किया जाएगा.

Kapil Pal
  • Jun 1 2023 12:48PM

भारत सरकार ने फैसला किया है कि आगामी SCO शिखर सम्मेलन को वर्जुअली आयोजित किया जाएगा. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में 4 जुलाई का सम्मेलन वर्चुअली होगा. कहा जा रहा है कि बैठक में सदस्य देशों के राष्ट्रप्रमुख व्यक्तिगत रूप से भाग लेंगे लेकिन अब अचानकइसमें बदलाव कर दिया गया है.

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत की पहली अध्यक्षता में, एससीओके राष्ट्राध्यक्षों का 22वां शिखर सम्मेलन 4 जुलाई 2023को वर्चुअल तरीके से आयोजित किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करेंगे. एससीओ के सदस्य देश चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान को वीडियो कॉन्फ्रेंसके जरिए शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया है. तुर्कमेनिस्तान एक स्थायी आमंत्रित सदस्य है, जबकि ईरान, बेलारूस और  मंगोलिया के राष्ट्रपतियों को ऑबजर्वर देश के रूप में आमंत्रित किया गया है.

विदेश मंत्रालय की तरफ से ये नहीं बताया गया कि शिखर सम्मेलन को वर्चुअली बुलाने का फैसला क्यों किया गया. हालांकि, जब बैठक वेन्यू से आयोजित करने की योजना बनी थी तब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और मध्य एशियाई देशों के नेताओं को दिल्ली आने का निमंत्रण भेजा गया था. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या पाकिस्तान और चीन से असहज रिश्तों के कारण यह फैसला किया गया है.

जानकारी के अनुसार उन्हें शिखर सम्मेलन को वर्चुअली आयोजित करने को लेकर विदेश मंत्रालय की घोषणा से ठीक पहले ही सूचित कियागया है. एससीओ के राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर योजना पटेल ने सोमवार को एक अर्जेंट पत्र भेजकर सदस्य देशों और एससीओ महासचिवझांग मिंग से बसइतना कहा कि 'भारत आप सबको बताना चाहता है कि 4 जुलाई को होने वाली एससीओ शिखर सम्मेलन की बैठक वर्चुअल तरीके से आयोजित होगी. पिछले साल एससीओ की बैठक उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुई थी जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे.

शिखर सम्मेलन को वर्चुअली कराने के पीछे एक कारण यह हो सकता है कि चीन और पाकिस्तान सहित कुछ देशों के नेताओं नेबैठक में व्यक्तिगत रूप से शामिल होने को लेकर किसी तरह की पुष्टी नहीं की थी. यूक्रेन में जारी युद्ध को लेकर रूस के राष्ट्रपतिव्लादिमीर पुतिन के भी बैठक में शामिल होने की संभावना कम दिख रही थी. अधिकारियों ने कहा किपीएम मोदी की यात्रा शिड्यूल भी काफी व्यस्त है. वो 19-24 जून के बीच अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं और 14 जुलाई को वो नेशनल डे परेड में हिस्सा लेने के लिए पेरिस में होंगे.

वहीं, जिस जगह शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाना था, वहां आयोजन स्थल का काम भी पूरा नहीं हो पाया है. दिल्ली के प्रगति मैदान में शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाना था लेकिन इसके एक महीने में तैयार होने की संभावना नहीं दिख रही है.

 

 

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