नीतीश कुमार ने आज यानी 10 अगस्त को 8वीं बार मुख्यमंत्री की शपथ ली. राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव ने भी दूसरी बार उप-मुख्य मंत्री की शपथ ली. वहीं भाजपा की सरकार नीतीश कुमार की इस शपथ से नाराज है. बीजेपी का नाराज होना लाजमी भी है. क्योंकि जेडीयू ने गठबंधन तोड़ एक बार फिर से बीजेपी को धोखा दिया है.
वहीं भाजपा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने उन्हें मिली हुई पावर्स का गलत इस्तेमाल कर उनका अपमान किया है। लेकिन यहां हम आपको बता दें कि बिहार में इतने राजनीतिक उलटफेर होने के बाद बिहार की राजनीति ने करवट भी बदली है...चलिए हम आपकों बताते हैं कि इस समय बिहार में कैसे हैं राजनीतिक हालात...
बिहार में अभी के राजनीतिक हालत कुछ इस भांति है:
- -बात बीते कुछ सालों की है जब नीतीश कुमार के स्थायी रुप से राजनीति में ना तो कोई दोस्त है ना ही दुशमन। अपनी पावर्स को हाथ में रखने के लिए उन्होनें चौका देने वाले बदलाव किए। भाजपा के साथ शासन करते हुए, उन्होनें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को छोड़ कर राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन किया था। इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल को छोड़ कर भाजपा के साथ वापस आ गए।
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- -भाजपा को धोखा देने के बाद, नीतीश कुमार को उम्मीद थी कि राष्ट्रीय जनता दल के साथ होने के बाद उन्होंने अपनी मौजूदगी को सुनिश्चित कर लिया है। जनता दल के जूनियर पार्टनर होने के बावजूद भाजपा सरकार नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बना रही थी। भाजपा चाहती थी कि जल्द ही उनका अपना मुख्यमंत्री हो।
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- -अब नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए भविष्य में विरोधी कि तरह नज़र आ सकते हैं। आशंका यह भी है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन छोड़ने के बाद नीतीश 2024 के प्रधानमंत्री के प्रत्याशी के अन्दाज़ में नज़र आ सकते हैं। अगर कांग्रेस की सरकार अच्छा नहीं करती तो ‘ख़िचड़ी सरकार’ के बनने की संभावना हो सकती है।
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- -नीतीश कुमार के लगातार सरकार बदलने के कारण आज 2013 का नीतीश और 2022 के नीतीश की तुलना की जा रही है। तेजस्वी यादव एक मजबूत नेता के तौर पर नज़र आ रहे हैं.
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- -नीतीश ने महाविकास आघाड़ी सरकार के बाद भाजपा से नाता तोड़ लिया। कोंग्रेस के लिए यह एक तरह का प्रहार साबित हो सकता है।
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- -भाजपा के भविष्य का लक्ष्य अपनी सरकार को नंबर एक सरकार बनाने का है। अपने आपको सही साबित करने के लिए भाजपा नीतीश को विश्वासघाती साबित करेगी।
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- -भाजपा नीतीश कुमार के जाने को एक नुकसान और 2024 के चुनाव में झटके के रुप में देखेगी। कहा जा रहा है कि नीतीश के भाजपा छोड़ने से गलत राजनीतिक सूचना जाएगी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
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- -भाजपा ताज़ा करेगी लालू यादव और विपक्ष के भ्रष्टाचार विरोध और जंगलराज की यादें।
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- -कोंग्रेस के पास बिहार और कुछ क्षेत्रों में सीमित विकल्प है, और कोंग्रेस के लिए वापसी का बड़ा अवसर है।
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- -यह ना भूलते हुए ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और गांधी परिवार का साथ नीतीश कुमार चुनौती देने वाले विपक्षी है।
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- -नीतीश के सरकार छोड़ने शिवसेना कि महा विकास आघाड़ी सरकार को तोड़ने में भाजपा सफल रही थी।
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- -अब नीतीश लालू- तेजस्वी के पास वापस चले गए है क्योंकि बिहार विधानसभा में उनके पास ज़्यादा तादाद है और नीतीश का गुस्सा भी ज़्यादा है।
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- -और इसी के साथ पार्टी को बिहार में आज से चाचा-भतीजे यानि नीतीश-तेजस्वी की सरकार आ चुकी है। अब मंत्रीमंडल को चलाने का फॉमूला तय हो गया है। यहां बिहार के मंत्रीमंडल कि तस्वीर साफ़ नज़र आ रही है। अब 13 जनता दल (यूनाइटेड), 4 कांग्रेस, 1 हम के विधायकों कि सरकार बनेगी।