भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म का चलन लगातार बढ़ता जा रहा है इसके साथ ही अशलीलता को भी बढ़ावा दिया जा रहा था। अब सरकार ने इसके खिलाफ बड़ा फैसला लिया है। अब हर ओटीटी प्लेटफॉम पर सरकार की नजर होगी। किसी भी तरह की फिल्म, सीरीज को समाज में आने से पहले अब सरकार के सेंसरशिप से होकर गुजरना पड़ेगा।
बता दें कि OTT पर तीन तरह के फॉरमेंट में कनटेंट दिखाना होगा। यह दर्शकों कि उर्म के अनुसार दिखाया जायेगा। सोशल मीडिया, OTT, न्यूज वेवसाइट सभी पर सरकार की नज़र होगी।
बता दें कि सुदर्शन न्यून ने हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर सेंसरशिप की मांग की थी। जिसको लेकर सरकार ने गाइडलाइन जारी की है। बता दें कि हाल ही में हिंदू धर्म , देवी देवताओं के मजाक बनाने के मामले में काफी सीरीज सामने आई थी जिसको लेकर सुदर्शन न्यून ने इसकी मांग की थी।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, डिजिटल मीडिया संगठनों और ओटीटी स्ट्रीमिंग सेवाओं के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में व्यापार करने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों का स्वागत किया गया था, उन्होंने जानकारी दी कि भारत में व्हाट्सएप के 53 करोड़, फेसबुक के 40 करोड़ से अधिक और ट्विटर पर एक करोड़ से अधिक यूजर्स हैं। भारत में इनका काफी इस्तेमाल होता है, लेकिन जो चिंताएं हैं उसे लेकर काम करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर डाले जाने वाले कंटेंट को लेकर गाइडलाइंस बनाने के लिए कहा था। कोर्ट के निर्देश पर भारत सरकार ने इसके लेकर गाइडलाइंस तैयारी की हैं।
उन्होने कहा कि सोशल मीडिया के लिए बनाए गए महत्वपूर्ण कानूनों को तीन महीने के भीतर लागू किया जाएगा, ताकि वे अपने तंत्र में सुधार कर सकें। बाकी नियमों को अधिसूचित किए जाने के दिन से लागू होंगे।
खास बातें : -
सोशल मीडिया बिचौलियों को शिकायत अधिकारी नियुक्त करना होगा, जो 24 घंटे में शिकायत दर्ज करेगा -
24 घंटों में महिलाओं की नग्नता, मोर्फेड तस्वीरों वाली सामग्री को हटाया जाना है
- प्रिंट मीडिया के बाद प्रेस काउंसिल कोड अब डिजिटल मीडिया द्वारा Follow किया जाएगा
- ओटीटी और डिजिटल समाचार मीडिया को अपने विवरण का खुलासा करना होगा। सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर समान न्याय प्रणाली होनी चाहिए।