देशमुख ने कहा कि पूरा महाराष्ट्र और भारत जानता है कि भोपाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के बाद अजित पवार और उनके साथ पार्टी छोड़कर आए लोग जल्दबाजी में सरकार में शामिल हो गए थे.
देशमुख ने कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में अपनी गिरफ्तारी का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘क्या आप जानते हैं कि उन्होंने (अजित पवार ने) अलग रास्ता क्यों अपनाया? वरिष्ठ एनसीपी नेता वो परेशानी नहीं झेलना चाहते थे जो मैंने सही.’’उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, उन्हें (अजित पवार को) सरकार में बीजेपी के निर्णय लेने की प्रक्रिया से अलग-थलग रखा जा रहा है.’
गौरतलब है कि जुलाई में अजित पवार और एनसीपी के आठ अन्य विधायक एकनाथ शिंदे नीत बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए थे और एनसीपी में विभाजन हो गया था.