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डीएफसीसी के लिए 100 पुश्तैनी परिवारों ने अधिकारियों की लापरवाही से खो दी अपनी पहचान।

वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन प्रोजेक्ट (डीएफसीसी) के लिए पुश्तैनी मकानों को छोड़कर शिफ्ट हुए 100 परिवारों ने अधिकारियों की लापरवाही से अपनी पहचान खो दी है।

Anchal Yadav
  • Jan 27 2021 7:57PM
वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन प्रोजेक्ट (डीएफसीसी) के लिए पुश्तैनी मकानों को छोड़कर शिफ्ट हुए 100 परिवारों ने अधिकारियों की लापरवाही से अपनी पहचान खो दी है। अथॉरिटी ने बगैर नक्शा पास की ही परिवारों को शिफ्ट कर दिया। लोगों को बिजली कनेक्शन, पानी कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है। यहां तक कोरियर और फोन के बिल भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। पीड़ित परिवारों का कहना है कि सरकारी प्रॉजेक्ट में कोई बाधा ना आए और अधिकारियों के आश्वासन पर शिफ्ट हुए थे। भारतीय रेलवे का वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन प्रॉजेक्ट के लिए दादरी एरिया के बोड़ाकी गांव के 100 से अधिक परिवारों को शिफ्ट किया जाना था। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने गांव के लोगों को जमीन के बदले जमीन और मकान के मलबे का रुपया देने का आश्वासन दिया। साथ ही तमाम सुविधाओं को देते हुए बोड़ाकी एक्सटेंशन के नाम से नया सेक्टर बसाने का वादा किया गया। गांव के लोगों ने अथॉरिटी अधिकारियों और रेलवे अधिकारी और भरोसा जताते हुए शिफ्ट होने के लिए तैयार हो गए।

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