रांची: झारखण्ड में धर्मांतरण का मुद्दा हमेशा से ही सुर्ख़ियों में रहा है, यही कारण है कि समय समय पर इसके खिलाफ कई हिंदूवादी संगठन अपनी आवाज़ बुलंद करते रहते हैं, कोरोना संकट के समय जारी लॉकडाउन में जहां समाज का एक बड़ा वर्ग जरूरतमंदों की मदद में लगा रहा, वहीं ईसाई मिशनरियां धर्मांतरण के खेल में लगी थीं। इस दौरान गुमला, लोहरदगा, लातेहार, सिमडेगा, कोडरमा, गिरिडीह, हजारीबाग आदि जिलों में खूब धर्मांतरण कराया गया। इसके विरोध में 15 जून को विश्व हिंदू परिषद ने पूरे राज्य में अपने घरों से ऑनलाइन प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक स्वामी दिव्यानंद ने कहा कि साज़िशन यह कोशिशें लगातार जारी है, जबकि नियम कहता है की अगर किसी भी व्यक्ति को अपना धर्म अगर बदलना है तो उसे ज़िला प्रशासन से इजाजत लेनी होती है। उन्हें बताना पड़ता है कि वजह क्या है, कौन धर्मांतरण करवा रहे हैं। परंतु बिना इजाजत के यह खेल चल रहा है, जिला प्रशासन तक मामला पहुंच ही नहीं रहा। वीएचपी के अनुसार
चर्च के एजेंट लगे हैं इस खेल में इसलिए मामले सामने नहीं आ पा रहे हैं. वहीँ झारखण्ड में धर्मजागरण से जुड़े लोगो भी इसे खतरनाक बताते हैं उनके अनुसार इन गतिविधियों को रोकने की जरुरत है.