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106 चीनी एप बन्द पर बौखलाए चीन ने दी चेतावनी

भारत मे 106 चीनी एप प्रतिबंध से डगमगाई चीन की अर्थव्यवस्था, बौखलाए चीन की भारत को चेतावनी

Sudarshan News
  • Jul 31 2020 10:35PM

भारत और चीन के बीच चल रहा सीमा विवाद अब दोनों देशों के बीच आर्थिक विकास में भी नजर आ रहा है. बीते गुरुवार को चीन ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि वह भारतीय अर्थव्यवस्था से चीन की अर्थव्यवस्था को अलग करने की कोशिश ना करे. चीन के अनुसार अगर भारत ऐसा करता है तो दोनों देशों को ही नुकसान होगा. चीनी राजदूत ने कहा कि चीन भारत के लिए रणनीतिक रूप से कोई खतरा नहीं है और दोनों को एक-दूसरे की जरूरत है.

चीनी राजदूत सन वेईडोंग ने ट्विट कर लिखा, "चीन ऐसे संबंधों की वकालत करता है जो दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद हो और किसी का नुकसान ना हो. हमारी अर्थव्यवस्था एक-दूसरे की पूरक और एक-दूसरे पर निर्भर है. इसे जबरदस्ती कमजोर करना ट्रेंड के विपरीत जाना है. इससे दोनों देशों को सिर्फ नुकसान ही होगा."

चीनी राजदूत आगे लिखते हैं 'चीन कोई विस्तारवादी ताकत या रणनीतिक खतरा नहीं है. दोनों देशों के बीच सदियों से शांतिपूर्ण रिश्ते रहे हैं. हम कभी भी आक्रामक नहीं रहे और ना ही किसी देश की कीमत पर अपना विकास किया है.' 

चीनी राजदूत ने कहा कि चीन से ज्यादा एक अदृश्य वायरस खतरा हो सकता है. वेईडोंग ने कहा, भारत और चीन के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लंबे इतिहास को खारिज करना संकीर्ण सोच को दिखाता है और ये नुकसानदायक भी है. हजारों साल से दोस्त रहे देश को कुछ अस्थायी मतभेदों और मुश्किलों की वजह विरोधी और रणनीतिक खतरा बताना पूरी तरह से गलत है.

वेईडोंग ने कहा, चीन से ज्यादा एक अदृश्य वायरस खतरा हो सकता है. भारत और चीन के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लंबे इतिहास को खारिज करना संकीर्ण सोच को दिखाता है और ये नुकसानदायक भी है. हजारों साल से दोस्त रहे देश को कुछ अस्थायी मतभेदों और मुश्किलों की वजह विरोधी और रणनीतिक खतरा बताना पूरी तरह से गलत है.

चीन का यह बयान तब सामने आया है जब भारत ने चीन के पहले 59 ऐप और फिर बाद में 47 और ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके अलावा केंद्र सरकार ने 275 चीनी एप्स की सूची तैयार की है. जिसके जरिए सरकार जाँच कर रहीं हैं कि ये एप्स किसी भी तरह से नैशनल सिक्युरिटी और पब्लिक प्राइवेसी को आहत तो नहीं कर रहे. आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने यह फैसला सुरक्षा के लिहाज से लिया है. इसके अलावा मोदी सरकार ने विदेशी निवेश सम्मेत भारत में कारोबार करने के नियमों में बदलाव किया है.

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