उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम और बसपा मुखिया मायावती ने राजस्थान की सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला बोला है। मायावती ने ट्वीट करते हुए राजस्थान की राजनीतिक अस्थिरता पर निशाना साधा है और वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। उन्होंने राज्यपाल से मांग की है कि राजस्थान में राजनीतिक गतिरोध और सियासी उठापटक काे देखते हुए वो राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश करे।
मायावती ने ट्वीट में कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले दलबदल कानून का खुला उल्लंघन किया है, दूसरे दलों के विधायकों को तोडकर काँग्रेस में जॉइन कराया जा रहा है। बसपा के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया गया और फोन भी टेप किये गए। इस तरह गहलोत सरकार असंवैधानिक काम कर रही है।
बसपा के 6 विधायकों ने जॉइन की थी कांग्रेस-
बसपा से चुनाव जीते राजेन्द्र गुढा (उदयपुरवाटी, झुंझुनूं), जोगेंद्र सिंह अवाना (नदबई, भरतपुर), वाजिब अली (भरतपुर), लाखन सिंह मीणा (करौली), संदीप यादव (तिजारा, अलवर) और दीपचंद खेरिया (किशनगढ़बास, अलवर) ने सितंबर 2018 में पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
पहले भी गहलोत सरकार को हटाने की मांग कर चुकी है मायावती -
मायावती ने दिसंबर में कोटा के अस्पताल में लगातार बच्चों की मौत के बाद गहलोत सरकार पर सवाल उठाया था। उन्होंने कांग्रेस पार्टी से गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की भी मांग की थी। मायावती ने ट्वीट कर लिखा था- 100 माताओं की कोख उजड़ने के मामले में कांग्रेस को केवल अपनी नाराजगी जताना ही काफी नहीं है। कांग्रेस को चाहिए कि वहां के मुख्यमंत्री को तुरंत हटाकर किसी सही व्यक्ति को सत्ता में बैठाया जाए।
सरकार बनाने के लिए गहलोत ने तोड़ लिए थे बसपा के सभी विधायक-
2018 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 200 सीटों में 100 पर जीत मिली थी। उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल का एक विधायक जीता था। इससे राज्य में सरकार गिरने का खतरा मंडरा रहा था। वहीं, बसपा के 6 विधायक चुनाव जीते थे। इन सभी विधायकों ने बसपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ले ली। इससे मायावती ने कांग्रेस और गहलोत पर खासी नाराजगी जताई थी।