मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय से मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई अहम मुद्दों पर बड़ा फैसला लिया है। भूपेश सरकार ने जल जीवन मिशन के मामले में बड़ा फैसला लेते हुए पूरे टेंडर का निरस्त कर दिया है।
सरकार ने औद्योगिक नीति 2019-24 में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमति दी गई। जिसमें राज्य के वनोपज, हर्बल तथा वन पर आधारित अन्य उत्पादों का प्रसंस्करण, खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्माण और मूल्य संवर्धन के कार्य राज्य में ही किए जाने को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज (वनांचल उद्योग पैकेज) का अनुमोदन किया गया।
जिसके तहत लघु उद्योगों को औद्योगिक नीति 2019-24 के प्रावधान में स्थायी पूंजी निवेश अनुदान के स्थान पर, उत्पादन में आने के उपरांत उद्योगों को मान्य स्थायी पूंजी निवेश पर अनुदान के रूप में विशेषकर पिछड़े क्षेत्र विकासखण्डों जिसमें ‘स‘ श्रेणी के विकासखण्डों में कुल निवेश का 40 प्रतिशत 5 वर्षो में अधिकतम 40 लाख रूपए प्रतिवर्ष तथा ‘द‘ श्रेणी के विकासखण्डों में कुल निवेश का 50 प्रतिशत 5 वर्षो में अधिकतम 50 लाख रूपए प्रतिवर्ष पात्रतानुसार देय होगा। विशेष पैकेज के लिए लघु उद्योगों के द्वारा प्लांट एवं मशीनरी के अंतर्गत न्यूनतम 50 लाख तथा अधिकतम 5 करोड़ रूपए का निवेश किया जाना आवश्यक होगा।
छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वर्ष 2013-14 के क्रियान्वयन के संबंध में प्रदेश में नशा मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान हेतु छत्तीसगढ़ शराब व्यसन मुक्ति अभियान (भारत माता वाहिंनी योजना) को समाज कल्याण विभाग को सौंपने का निर्णय लिया गया।
भारत सरकार, जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा ‘जल जीवन मिशन‘ के क्रियान्वयन के संबंध में निर्णय लिया गया कि-जल जीवन मिशन के संपूर्ण टेण्डर (ईओआई) को निरस्त करके भारत सरकार के निर्देशानुसार कार्यवाही की जाए।