अचानक की एक बार फिर से जमात और जमाती चर्चा के केंद्र में आ गए हैं। एक लंबे समय के बाद किसी ने देश में कोरोनावायरस लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार बताए जा रहे तबलीगी जमात वालों की तरफ इशारा करने का साहस किया तो उनके ऊपर अचानक कि वामपंथी वर्ग व धर्म निरपेक्षता के कुछ नकली ठेकेदारों ने हल्ला बोल कर दिया।।
लेकिन सच को एक लंबे समय तक ना तो छिपाया जा सकता है और ना ही झूठ के शोर से दबाया जा सकता है। कुछ ऐसा ही हो रहा है बिहार के मुजफ्फरपुर से उठी आवाज के साथ में। ध्यान देने योग्य है कि भारतीय जनता पार्टी से बिहार मुजफ्फरपुर के वर्तमान सांसद अजय निषाद जी ने सीधे तौर पर कोरोना के चलते भारत में बन गई भयावह स्थिति के लिए तबलीगी जमातियों को जिम्मेदार ठहराया है। उनके अनुसार देश में कोरोना का ये भयावाह रूप निश्चित रूप से तबलीगी जमात वालों के चलते हैं।
अचानक इस बयान का कुछ तथाकथित सेकुलर वर्ग वामपंथी वर्ग ने विरोध करना शुरू कर दिया, लेकिन सोशल मीडिया पर अचानक ही ये चर्चा छिड़ गई कि कहीं ना कहीं भाजपा सांसद अजय निषाद सत्य बोल रहे हैं.. FIR के बाद भी एक लंबे समय तक मौलाना साद की गिरफ्तारी न होने उनके खिलाफ घुटने टेक रहे प्रशासन से क्षुब्ध आम जनता ने अब सांसद अजय निषाद के समर्थन में उतरना शुरू कर दिया है। सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जी ने बहुत पहले ही बिंदास बोल के माध्यम से इस भयावह स्थिति के लिए तबलीगी जमात और मौलाना साद को जिम्मेदार बताया था। अब सोशल मीडिया पर सांसद अजय निषाद का भारी समर्थन हो रहा है और एक स्वर में एक बड़ा वर्ग मान रहा है कि देश में कोरोनावायरस तक काबू हो गया था लेकिन बीच में तबलीगी जमात वालों की हरकतों के चलते या बेकाबू हुआ है।
यह बयान देने वाले भाजपा सांसद अजय निषाद अकेले नहीं हैं, इससे पहले बुलंदशहर के एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने भी स्वीकार किया था कि उनके कार्यक्षेत्र जिले बुलंदशहर में कोरोना की स्थिति तबलीगी जमातियो के चलते हुई. फिलहाल सांसद अजय निषाद के बयान को देश की जनता के बहुत बड़े वर्ग ने सर आंखों पर लिया है और सिर्फ मुजफ्फरपुर ही नहीं बल्कि देश के कई हिस्सो से उनका भारी समर्थन किया जा रहा है..