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इन हैवानों को पहचान लीजिए...इन्होंने गौवंशों को क्रूरता से पीटा है और घाव और गुप्तांग में मिर्ची डाल दिया, इस राज्य में कराहती रही गौमाता

गौवंशों से बर्बरता पूर्वक पिटाई करते हुए गायों को लहूलुहान कर गुप्तांगों में मिर्ची डाल दिया।

योगेश मिश्रा, छत्तीसगढ़ ब्यूरो प्रमुख
  • Dec 5 2022 3:15PM

छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के ग्राम कांपा में राहर फसल के खेत में गौवंशों के घुसने से नाराज ग्राम कांपा के कुछ ग्रामीणों ने बीते देर रात कुछ गौवंशों से बर्बरता पूर्वक पिटाई करते हुए गायों को लहूलुहान कर गुप्तांगों में मिर्ची डाल दिया। जिससे नाराज गौ सेवक व विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने पुलिस को सूचना देकर कार्रवाई की मांग किया। जिसके बाद पुलिस ने बेजुबान गौवंशों के साथ इस तरह के बर्बरता पूर्वक कृत्य करने वाले गांव कांपा के ही 06 आरोपियों के ऊपर पशु अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया है। वहीं इस बर्बरता पूर्वक पिटाई से अधिक घायल गौवंशों को गौ सेवक व विहिप के कार्यकर्ताओं ने पशु चिकित्सालय में इलाज के लिए छोड़ा है। 
 
 
ऐसी ही घटना पहले भी हुई थी
ऐसी ही घटना छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी। जहां कुछ लोगों ने पहले तो गौवंश की बेरहमी से पीटा था, फिर पैर और मुँह में बोरा बांधकर क्रूरता से नदी में फेंक दिया था। मानवता को शर्मसार करने वाली यह अप्रिय घटना हसौद थाना की थी, जहाँ कुछ असामाजिक तत्वों ने गौ माता के ऊपर अपना कहर बरपाया था। हसौद थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत लालमाटी के सोन नदी के ऊपर बने पुल पर गांव के ही कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा गौवंश की बेरहमी से पिटाई की गई थी, जिसके बाद के मुँह पर बोरी बांध के नदी में फेंकते हुए वीडियो वाइरल हुआ था।
 
 
 
 
राज्य सरकार का गौ संरक्षण का दावा
छत्तीसगढ़ राज्य में सरकार कहती है कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत ग्रामीण पशुपालक किसानों से गोबर क्रय करने में छत्तीसगढ़ सरकार के साथ-साथ अब स्वावलंबी गौठान भी बराबर की भागीदारी निभाने लगे हैं। राज्य में औसत रूप से प्रत्येक पखवाड़े 4 से 5 करोड़ रूपए की गोबर खरीदी गौठानों में हो रही है, जिसमें से दो से ढ़ाई करोड़ रूपए का गोबर स्वावलंबी गौठान स्वयं की राशि से कर रही है। बीते कुछ पखवाड़े से यह स्थिति बन गई है कि गोधन न्याय योजना के तहत हो रही गोबर खरीदी की राशि का लगभग 50 प्रतिशत से भी कम का भुगतान ही सरकार के जिम्मे आ रहा है। राज्य में 4010 गौठान पूरी तरह से स्वावलंबी बन गए हैं इन गौठान समितियों के पास 103 करोड़ रूपए की पूंजी जमा है। गौठान समितियों ने अब तक 26.73 करोड़ रूपए का गोबर स्वयं की राशि से क्रय किया है। सरकार का ये दावा है कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर खरीदी के एवज में अब तक गोबर विक्रेता पशुपालक ग्रामीणों को 179.28 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 20 नवम्बर को 4.55 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आकड़ा 183.83 करोड़ रूपए हो जाएगा। इसी तरह गौठान समितियों और महिला समूहों को लाभांश के रूप में 164.24 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया गया है। 20 नवम्बर को 2.59 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह राशि बढ़कर 166.84 करोड़ रूपए हो जाएगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि महिला स्व-सहायता समूहों को वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय के पश्चात शासन द्वारा 18 करोड़ रूपए के विशेष बोनस का भुगतान किया गया था। राज्य में 10 हजार 448 गौठान स्वीकृत किए गए, जिनमें 9 हजार 36 गौठान निर्मित एवं संचालित हैं। 

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