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अवशेष प्रबन्धन विषय पर ग्राम जागरूकता कार्यक्रम आज ग्राम ऐजा विकास खण्ड बावन में एक दिवसीय ग्राम जागरूकता कार्यक्रम

अवशेष प्रबन्धन विषय पर ग्राम जागरूकता कार्यक्रम आज ग्राम ऐजा विकास खण्ड बावन में एक दिवसीय ग्राम जागरूकता कार्यक्रम फसल अवशेष प्रबन्धन विषय पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य धान की पराली तथा अन्य फसल अवशेषों को भूमि में काटकर उसे दबा कर भूमि में मिलाकर मृदा स्वास्थम को सुधाराना थ। इस अवसर पर बोलते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र, हरदोई के प्रभारी अधिकारी डा० अबधेश कुमार तिवारी ने बताया कि अधिक पानी व पोषक तत्वों को चाहने वाली फसलों तथा धान, गेहूं के फसल चक्र से मृदा स्वास्थ्य काफी गिर गया है। अतः भूमि में फसल अवशेष मिलाने से मृदा स्वास्थ्य में सुधार होगा व फसलोत्पादन अच्छा व स्वास्थ्य बर्धक होगा। अतः धान की पराली आदि को हैप्पी सीडर आदि से टुकड़े कर भूमि में डबायें। इस अवसर पर कार्यक्रम के नोडल अधिकारी मुकेश सिंह ने बताया कि जल संरक्षण करने पर पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने एवं मृदा स्वास्थ्य के सुधार हेतु पराली आदि फसल अवशेषों को भूमि में मिलाना आवश्यक है, ताकि जीवांश कार्बन की मात्रा बढ़ाकर अच्छा उत्पादन लिया जा सके। केन्द्र के वैज्ञानिक डा० सी०पी०एन० गौतम ने वेस्ट डिकम्पोजर का प्रयोगकर फसल अवशेष शीघ्र सड़ाने की सलाह दी व मृदा स्वास्थ्य सुधार के लिए फसल अवशेष मिलाने की सलाह दी। इस अवसर पर ग्राम ऐजा व वैंजना के ग्राम प्रधान सहित 100 से अधिक कृषक उपस्थित रहें। कार्यक्रम की अध्यक्षता ऐजा ग्राम के प्रगतिशील कृषक नायव सिंह ने की। ----------------------------

अमित श्रीवास्तव , सुदर्शन News पत्रकार, राष्ट्रीय न्यूज़ tv चैनेल
  • Oct 13 2022 6:34AM
अवशेष प्रबन्धन विषय पर ग्राम जागरूकता कार्यक्रम आज ग्राम ऐजा विकास खण्ड बावन में एक दिवसीय ग्राम जागरूकता कार्यक्रम फसल अवशेष प्रबन्धन विषय पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य धान की पराली तथा अन्य फसल अवशेषों को भूमि में काटकर उसे दबा कर भूमि में मिलाकर मृदा स्वास्थम को सुधाराना थ। इस अवसर पर बोलते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र, हरदोई के प्रभारी अधिकारी डा० अबधेश कुमार तिवारी ने बताया कि अधिक पानी व पोषक तत्वों को चाहने वाली फसलों तथा धान, गेहूं के फसल चक्र से मृदा स्वास्थ्य काफी गिर गया है। अतः भूमि में फसल अवशेष मिलाने से मृदा स्वास्थ्य में सुधार होगा व फसलोत्पादन अच्छा व स्वास्थ्य बर्धक होगा। अतः धान की पराली आदि को हैप्पी सीडर आदि से टुकड़े कर भूमि में डबायें। इस अवसर पर कार्यक्रम के नोडल अधिकारी मुकेश सिंह ने बताया कि जल संरक्षण करने पर पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने एवं मृदा स्वास्थ्य के सुधार हेतु पराली आदि फसल अवशेषों को भूमि में मिलाना आवश्यक है, ताकि जीवांश कार्बन की मात्रा बढ़ाकर अच्छा उत्पादन लिया जा सके। केन्द्र के वैज्ञानिक डा० सी०पी०एन० गौतम ने वेस्ट डिकम्पोजर का प्रयोगकर फसल अवशेष शीघ्र सड़ाने की सलाह दी व मृदा स्वास्थ्य सुधार के लिए फसल अवशेष मिलाने की सलाह दी। इस अवसर पर ग्राम ऐजा व वैंजना के ग्राम प्रधान सहित 100 से अधिक कृषक उपस्थित रहें। कार्यक्रम की अध्यक्षता ऐजा ग्राम के प्रगतिशील कृषक नायव सिंह ने की। ----------------------------

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