घर वापसी का सिलसिला जारी है। छत्तीसगढ़ से एक बड़ी खबर सामने आई है जहाँ 1200 ईसाई समुदाय के लोगों ने एक साथ भगवा ओढ़ घर वापसी किया है। सभी लोगों का कहना है गरीबी के कारण बने थे ईसाई अब कर रहे हैं घर वापसी। पूरा पत्थलगाँव जय श्री राम के उद्घोष से गुंजायमान हो गया। बता दें जशपुर पत्थलगांव के खूंटापानी में ऑपरेशन घर वापसी का कार्यक्रम हुआ। इस कार्यक्रम में प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने 400 परिवार के 1200 लोगों के पांव धोकर मूल धर्म में उनकी वापसी कराई। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ जुटी थी। घर वापसी करने वाले अधिकांश परिवार बसना सराईपाली के थे।
पत्थलगांव के खूंटापानी में ऑपरेशन घर वापसी का कार्यक्रम आर्य समाज और हिन्दू समाज द्वारा आयोजित की गई थी, जिसके मुख्य अतिथि भाजपा प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह थे।खूंटापानी में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के पहले दिन गुरुवार को खूंटापानी में आर्य समाज द्वारा कलश यात्रा निकाली गई। इस कलश यात्रा में सैकड़ों महिलाएं शामिल हुईं। इसके बाद बाइक रैली निकली। बाइक रैली में 300 युवा शामिल हुए थे। बाइक रैली खूंटापानी से निकलकर चिकनीपानी, लुड़ेग, पत्थलगांव से लैलुंगा होते हुए वापस खूंटापानी पहुंची थी। इस रैली में शामिल युवा जय श्री राम के नारे लगा रहे थे।
ऑपरेशन घर वापसी के प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह ने कहा कि हिन्दुत्व की रक्षा उनके जीवन का एकमात्र संकल्प है। आज इतनी अधिक संख्या में लोगों की मूल धर्म में वापसी अच्छे संकेत हैं। किसी की मजबूरी का फायदा उठाकर किया गया काम कभी टिकाऊ नहीं होता है। मिशनरियों ने गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनका धर्मांतरण किया था। शिक्षा व स्वास्थ्य के नाम पर धर्म का सौदा किया था। हम लगातार इन षड्यंत्रों को बेनकाब करते रहेंगे।
घर वापसी करने वाले लोग भी बेहद खुश नजर आ रहे थे। बता दें बसना से शुक्रवार को 20 बसों में ईसाईयों को लाया गया था। कार्यक्रम स्थल में उन्हें मूल धर्म में वापसी कराई गई। इनमें 100 परिवार स्थानीय और 300 परिवार बसना सराईपाली से थे। मूल धर्म में लौटे लोगों ने बताया कि करीब तीन पीढ़ी पहले उनके पूर्वजों का धर्मांतरण हुआ था। उस वक्त वे बेहद गरीब थे और खेती में कुछ मदद और बीमारियों में इलाज की सहायता मिलने के कारण पूर्वजों ने धर्म परिवर्तन कर लिया था। पर अब वे जागरूक हो गए हैं।