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जानिये, पोफ्मा कानून क्या है, जिसके तहत अरविंद केजरीवाल पर सिंगापुर सरकार कर सकती है कार्रवाई

सिंगापुर के उच्चायुक्त वांग ने कहा कि इस मामले भारत के विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने जिस तरह स्थिति को स्पष्ट किया, उससे हमारे सामने साफ है कि सिंगापुर के साथ अपने रिश्तों को भारत कितनी अहमियत देता है. हम भारत सरकार की तरफ से दिए गए स्पष्टीकरण से संतुष्ट हैं और अब इस दुर्भाग्यपूर्ण मामले को यहीं खत्म करना चाहते हैं.

Sudarshan News
  • May 19 2021 10:17PM

सिंगापुर में बीते साल पोफ्मा लागू किया गया था. इस कानून के तहत सरकार किसी भी ऑन लाइन या ऑफ लाइन समाचार माध्यम के खिलाफ भ्रामक खबर फैलाने के लिए कार्रवाई कर सकती है. इसके दायरे में सोशल मीडिया भी आता है. पोफ्मा के तहत बनाया गया नियामक प्राधिकरण चाहे तो किसी स्रोत विशेष से आने वाले खबरों पर सिंगापुर के पाठकों के लिए सूचना निर्देश जारी कर सकता है, ताकि उन्हें पढ़ते समय यह दिखाई दे कि इस स्रोत या व्यक्ति के द्वारा दी गई जानकारियों पूर्व में भ्रामक साबित हुई हैं. इतना ही नहीं सिंगापुर में उसके द्वारा दी गई जानकारियों के प्रसारण पर रोक भी संभव है. 

कोरोना वायरस के कथित सिंगापुर वेरिएंट को लेकर उठा विवाद वैसे तो भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के दखल के बाद खत्म हो गया. दिल्ली में सिंगापुर के उच्चायुक्त सायमन वांग ने इसे दुर्भाग्यजनक अध्याय बताते हुए इसके खत्म होने की बात भी की. लेकिन साथ ही यह भी जोड़ दिया कि सिंगापुर सरकार इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अपने पोफ्मा कानून के इस्तेमाल का अधिकार सुरक्षित रखती है, जो भ्रामक खबरों के खिलाफ कार्रवाई करता है. सिंगापुर के उच्चायुक्त वांग ने कहा कि इस मामले भारत के विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने जिस तरह स्थिति को स्पष्ट किया, उससे हमारे सामने साफ है कि सिंगापुर के साथ अपने रिश्तों को भारत कितनी अहमियत देता है. हम भारत सरकार की तरफ से दिए गए स्पष्टीकरण से संतुष्ट हैं और अब इस दुर्भाग्यपूर्ण मामले को यहीं खत्म करना चाहते हैं. 

वांग का कहना था कि सिंगापुर इस कोविड संकट में भारत के साथ खड़ा है. यह बयान ऐसे वक्त आए जब सिंगापुर ने सहायता सामग्री के साथ एक नौसैनिक पोत रवाना किया है और एक सैन्य विमान जल्द ही भेजने की तैयारी कर रहा है. इतना ही नहीं उसकी तरफ से भेजी गई मदद दिल्ली को भी हासिल हुई है. 

इस बीच मामले को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तरफ से आए बयानों में कहा गया कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने चिंताएं बच्चों को लेकर जताई थीं. लेकिन केंद्र सरकार को फिक्र सिंगापुर की हो रही है. मामले पर पूछे जाने पर सिंगापुर उच्चायुक्त ने कहा कि हम इस विषय को लेकर भारत सरकार के बयान पर ध्यान दे रहे हैं. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बात हुई है. बतौर राजनायिक हमारा संबंध द्विपक्षीय संबंधों से है. घरेलू राजनीति को लेकर भारत के दो दलों के बीच क्या होता है उससे हम दूर हैं.  

केजरीवाल के दावों पर पोफ्मा के तहत कार्रवाई का अधिकार रखती है सिंगापुर सरकार: उच्चायुक्त वांग

हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि हमने इस मामले पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से आए बयानों को भी देखा. हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि सिंगापुर कोविड-19 वायरस और उसके वेरिएंट्स को वैज्ञानिक नजरिए से देखता है. हमने लोगों के सैंपल जमा किए, उनका परीक्षण किया और उसके आधार पर ही कहा कि उनमें B.1.617.2 वेरिएंट पाया गया. इतना ही नहीं भारत में सिंगापुर सरकार के शीर्ष नुमाइंदे और उच्चायुक्त वांग ने कहा कि उनके देश में भ्रामक खबरों का प्रचार प्रसार रोकने के लिए पोफ्मा यानी प्रिवेंशन फ्राम फाल्सहुड एंड मिसइंफोर्मेशन एक्ट है. सिंगापुर सरकार इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री की तरफ से किए गए दावों पर पोफ्मा के तहत कार्रवाई का अधिकार रखती है.  

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