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'भारत अब चुप नहीं बैठेगा', 66वें स्थापना दिवस पर बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर पर रिएक्शन दिया।

Deepika Gupta
  • May 7 2025 6:18PM

दिल्ली कैंट स्थित मानेकशॉ सेंटर में बुधवार को सीमा सड़क संगठन (BRO) के 66वें स्थापना दिवस के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा,
"ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने अपनी ज़मीन पर हुए हमले का जवाब देने के अधिकार का प्रयोग किया है। हमारी सशस्त्र सेनाओं ने सटीकता, सावधानी और संवेदनशीलता के साथ पाकिस्तान और पीओके में स्थित उन शिविरों को नष्ट किया है जहाँ आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया जाता था।"

रक्षा मंत्री ने कहा कि योजना के अनुसार सभी लक्ष्यों को सफलतापूर्वक नष्ट किया गया और किसी भी आम नागरिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेना द्वारा दिए गए इस सटीक और उचित जवाब की प्रशंसा की।

उन्होंने आगे कहा, "आज पूरी दुनिया ने देखा कि हमारी सेनाओं ने क्या किया है। यह कार्रवाई सोच-समझकर, मापी हुई और सीमित थी—सिर्फ उन्हीं शिविरों व ढांचों को निशाना बनाया गया जो आतंकवादियों के प्रशिक्षण से जुड़े थे। इसका उद्देश्य उनके हौसले को तोड़ना था। मैं सेना को पूरे देश की ओर से बधाई देता हूं और प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी को भी बधाई देता हूं, जिन्होंने सेनाओं को पूर्ण समर्थन दिया।"

इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने वर्चुअली BRO द्वारा निर्मित 50 सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ढांचागत परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया—जिसमें 30 पुल, 17 सड़कें और तीन अन्य कार्य शामिल हैं। इन परियोजनाओं की कुल लागत ₹1,879 करोड़ रही और ये जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, मिज़ोरम, पश्चिम बंगाल और राजस्थान जैसे छह सीमावर्ती राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हैं।

पिछले दो वर्षों में BRO ने ₹5,600 करोड़ की लागत से रिकॉर्ड 161 ढांचागत परियोजनाएं पूरी की हैं, जिसमें अकेले पिछले वर्ष 111 परियोजनाएं शामिल हैं। बीते चार वर्षों में BRO ने ₹13,743 करोड़ की लागत से 456 परियोजनाएं पूरी की हैं।

रक्षा मंत्री ने विश्वास जताया कि आज जिन परियोजनाओं का ई-उद्घाटन हुआ है, वे राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत करेंगी, कनेक्टिविटी बढ़ाएंगी और संबंधित क्षेत्रों में आर्थिक विकास को गति देंगी। उन्होंने कहा, "ये परियोजनाएं न केवल बुनियादी ढांचा हैं, बल्कि उज्जवल भविष्य की ओर रास्ते हैं।"

उन्होंने कहा कि आधुनिक रक्षा क्षमता केवल हथियारों पर नहीं, बल्कि उन्हें सहारा देने वाले बुनियादी ढांचे पर भी निर्भर करती है। "आपके पास सबसे तेज़ टैंक या सबसे उन्नत विमान हो सकते हैं, लेकिन अगर वे समय पर अपनी जगह नहीं पहुंच सके तो उनका कोई मतलब नहीं। BRO यह सुनिश्चित करता है कि हमारी सेना हर समय तैयार और उचित स्थान पर तैनात हो।"

रक्षा मंत्री ने वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए सेना के लिए नई पीढ़ी का बुनियादी ढांचा विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि BRO को युद्ध स्तर की तैयारी सुनिश्चित करनी चाहिए।

उन्होंने सरकार की सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए "सेला सुरंग" का विशेष उल्लेख किया, जो रणनीतिक रूप से अहम इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के संकल्प का प्रतीक बन चुकी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "वाइब्रेंट विलेजेस कार्यक्रम" की सराहना की, जिसके तहत प्रतिदिन औसतन 35 किलोमीटर सड़क निर्माण किया जा रहा है।

इस अवसर पर सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने BRO की बढ़ती राष्ट्रीय भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि संगठन अब केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की पहली पसंद बन गया है। उन्होंने GREF कर्मचारियों और अस्थायी श्रमिकों सहित BRO के सभी कर्मियों के कल्याण और गरिमा को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता जताई।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री श्री किरण रिजिजू, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और रक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

वहीं हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल के टी परणाइक, राजस्थान के राज्यपाल हरीभाऊ बगड़े, अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और लद्दाख के उपराज्यपाल ब्रिगेडियर (डॉ.) बी डी मिश्रा (सेनि) वर्चुअली कार्यक्रम से जुड़े।

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